क्या मिट जाएगा शेख मुजीबुर्रहमान का नाम? बांग्लादेश में आज होगा बड़ा फैसला

बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट होने के बाद से हिंसा में सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है. सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारी अल्पसंख्यकों को निशाना बना रहे हैं. कई हिंदुओं के घरों को आग के हवाले कर दिया गया. इस बीच बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन हो चुका है और आज एक महत्वपूर्ण दिन माना जा रहा है. अंतरिम सरकार के मुखिया डॉक्टर मोहम्मद यूनुस को एक बड़ा फैसला लेना है.
बांग्लादेश में मांग उठ रही है कि 15 अगस्त को मनाया जाने वाला राष्ट्रीय शोक दिवस खत्म किया जाना चाहिए. दरअसल, 15 अगस्त 1975 को शेख मुजीबुर्रहमान की हत्या कर दी गई थी. शेख हसीना सरकार ने 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक घोषित किया था. अब इस दिन को लेकर डॉक्टर यूनुस ने BNP और जमात समेत सात पार्टियों के नेताओं के साथ बैठक की है. लगभग सभी दलों ने 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक मनाने की परंपरा को खत्म करने की मांग की है.
शेख मुजीबुर्रहमान की पहचान मिटाने की कोशिश
बांग्लादेश में प्रदर्शनकारी लगातार शेख मुजीबुर्रहमान की पहचान को मिटाने की कोशिश में लगे हुए हैं. उन्होंने सबसे पहले तख्तापलट के दिन उनकी प्रतिमाओं को तोड़ा. जिस-जिस शहर में उनकी प्रतिमा दिखाई पड़ी उसे ढहा दिया गया. कई जगह देखा गया कि बुलडोजर की मदद से प्रदर्शनकारियों ने प्रतिमा तोड़ीं. शेख हसीना की सरकार में मुजीबुर्रहमान को लेकर फादर ऑफ नेशन की बनाई गई पहचान को अब धीरे-धीरे खत्म करने की कोशिश की जा रही है.
इधर, आज बांग्लादेश के हिन्दू छात्र संगठन अपनी 8 मांगों की सूची लेकर तैयार हैं, जो अंतरिम सरकार के मुखिया के सामने रखनी हैं. आज मोहम्मद यूनुस हिन्दू प्रतिनिधिमंडल से मिलेंगे. इस मुलाकात में हिन्दुओं की मौजूदा चिंता पर चर्चा होगी और हिन्दू संगठन उनके सामने हिन्दू हितों से जुड़ी 8 मांगें रखेंगे, जिसमें हमले के बाद पीड़ितों को मुआवजा देने के अलावा खासतौर से अल्पसंख्यक सुरक्षा कानून और अल्पसंख्यकों के लिए मंत्रालय बनाने की मांग शामिल है.
बांग्लादेश में हिंदुओं के 300 घर जलाए
बांग्लादेश के हिन्दू सुरक्षा कानून की मांग इसलिए कर रहे हैं क्योंकि ताजा हमलों में 15 से 20 मंदिरों पर हमला हुआ है और करीब 300 घरों को आग के हवाले किया गया है. मेहरपुर में कई हिन्दू वकीलों के घरों को निशाना बनाया गया, जिन्हें जलाकर खाक कर दिया गया है. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार भी ये मानती है कि हिंदुओं की सुरक्षा में भारी चूक हुई है. अब देखना होगा अंतरिम सरकार इसको लेकर कितने गंभीर कदम उठाती है.

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