क्या युद्ध के खात्मे पर होगी बात? पोलैंड-यूक्रेन दौरे पर आज जाएंगे पीएम मोदी
रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज से दो दिवसीय पोलैंड दौरे पर जा रहे हैं. पीएम मोदी पोलैंड के बाद यूक्रेन भी जाएंगे. 45 साल बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री वॉरसॉ की धरती पर कदम रखेगा. वह यहां राष्ट्रपति आंद्रेज सेबेस्टियन डूडा से मुलाकात करेंगे. पीएम मोदी और डोनाल्ड टस्क के बीच द्विपक्षीय बातचीत भी होगी. साथ ही साथ वे यहां रह रहे भारतीय समुदाय के साथ भी बातचीत करेंगे.
पोलैंड में 25,000 के करीब भारतीय समुदाय के लोग रहते हैं. इसमें 5,000 के करीब छात्र पढ़ने के लिए गए हुए हैं. जिस समय रूस-यूक्रेन का युद्ध शुरू हुआ उस समय पोलैंड की सरकार और वहां के लोगों ने यूक्रेन से भारतीय छात्रों को निकालने में बड़ा योगदान दिया था. ‘ऑपरेशन गंगा’ के दौरान पोलैंड ने भारत की मदद की थी. साल 2022 में पोलैंड के रास्ते ही 4,000 से अधिक भारतीय छात्रों युद्धग्रस्त यूक्रेन से निकाला गया था.
पोलैंड से ट्रेन के जरिए यूक्रेन जाएंगे पीएम मोदी
पीएम मोदी 23 अगस्त को यूक्रेन जाएंगे. वे पोलैंड से ट्रेन के जरिए यूक्रेन पहुंचेंगे. पोलैंड से प्रधानमंत्री मोदी रेल फोर्स वन नामक ट्रेन से यूक्रेन की राजधानी कीव जाएंगे, जिसमें करीब 10 घंटे का समय लगेगा. वापसी की यात्रा भी इतनी ही लंबी होगी. प्रधानमंत्री 30 साल बाद यूक्रेन जाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं. यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की वेबसाइट पर पीएम मोदी के कीव दौरे से जुड़ी आधिकारिक जानकारी शेयर की गई है.
कहा गया है, ’23 अगस्त को यूक्रेन के फ्लैग डे के मौके पर भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी यूक्रेन के आधिकारिक दौरे पर आएंगे. द्विपक्षीय संबंधों के इतिहास में ये किसी भारतीय पीएम का पहला दौरा होगा. इस यात्रा के दौरान द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग पर बात की जाएगी. भारत और यूक्रेन के बीच कई दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए जाने की उम्मीद है.’ पीएम मोदी की यूक्रेन दौरे को लेकर पूरी दुनिया की नजर है.
यूक्रेन के साथ इन विषयों पर बात करेंगे पीएम मोदी
भारतीय विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) तन्मय लाल ने कहा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ प्रधानमंत्री मोदी की वार्ता में भारत-यूक्रेन संबंधों के संपूर्ण आयाम पर ध्यान केंद्रित किए जाने की उम्मीद है, जिसमें कृषि, बुनियादी ढांचा, फार्मास्यूटिकल्स, स्वास्थ्य और शिक्षा, रक्षा और लोगों के बीच आपसी संबंध जैसे क्षेत्र शामिल हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या भारत यूक्रेन के पुनर्निर्माण में रुचि रखता है, लाल ने कहा कि भारत न केवल संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान खोजने के लिए बल्कि रिकवरी प्रोसेस में भी सभी आवश्यक सहायता और योगदान प्रदान करने के लिए तैयार है.