क्या रमजान में शराब की दुकानें बंद होंगी? यूपी में कांवड़ यात्रा रूट पर दुकानों के आगे नाम लिखने के फैसले पर बोले असदुद्दीन ओवैसी
उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के रूट पर दुकानों-ढाबों और ठेलों के सामने नाम लिखने के सरकार के फैसले पर सियासत तेज हो गई है. अब इस मुद्दे पर एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने पलटवार किया है. उन्होंने इसे संविधान का उल्लंघन बताया है. इसके साथ-साथ कहा है कि अगर यही स्थिति है तो देश में हर साल अलग-अलग धर्मों के कई त्योहार पड़ते हैं. तो क्या ये सरकार रमजान के महीने में शराब की दुकानों को बंद कर देगी क्या?
टीवी9 भारतवर्ष से एक्सक्लूसिव बातचीत में ओवैसी ने आगे कहा आज ये मुसलमानों को ऐसा बोल रहे हैं तो कल कहेंगे कि दलित खाना नहीं बना पाएगा. फिर कहेंगे कि ढाबों पर प्याज और लहसुन का इस्तेमाल नहीं होने चाहिए. आप इस देश को आस्था से चलाएंगे या संविधान से चलाएंगे. अगर वो खाना गलत दे रहा है तो उसके खिलाफ एक्शन लीजिए. कई ढाबा मालिकों को फोर्स किया गया है कि उनके यहां कोई मुस्लिम कर्मचारी नहीं होगा.
‘बीजेपी अपने एलायंस पार्टनर की कदर नहीं करती’
एआईएमआईएम ने कहा कि बीजेपी अपने एलायंस पार्टनर की कदर नहीं करती है. कल रमजान शुरू होगा तो फिर 30 दिन के लिए शराब की दुकानें बंद कर दीजिए. आखिर मेरी भी तो आस्था है. कल सीख भी बोलेंगे कि उनके भी आस्था हैं, क्रिश्चियन भी कहेंगे कि उनकी भी आस्था है, लेकिन आप एक ही समुदाय के आस्था को क्यों देख कर रहे हैं. यूपी में इस समय डर की राजनीति हो रही है. ढाबे के मालिक कर रहे हैं कि हम क्या करें, आदेश नहीं मानेंगे तो बुलडोजर आ जाएगा.
ओवैसी बोले- देश को हिंदुत्व के रंग में रंगने की कोशिश है
सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए ओवैसी ने कहा कि इसे लेकर बीजेपी के गठबंधन दल को भी सोचना चाहिए. उनको ये बात सोचनी चाहिए कि गठबंधन में उनका कोई महत्व नहीं है. अगर कहीं मारपीट हो रही है तो इसका मतलब ये तो नहीं है कि आप दुकानें बंद करा देंगे. असल हकीकत ये है कि बीजेपी इस देश को हिंदुत्व के रंग में रंगने की कोशिश कर रही है. मुसलमान को टारगेट करके देश को डराया जा रहा है. हमारी भारत की खूबसूरती को बदला जा रहा है.
हिम्मत है तो फाइव स्टार होटलों को बोले ये सरकार: ओवैसी
उन्होंने दावा किया कि ढाबों में मुस्लिम कर्मचारियों को निकाल दिया जा रहा है. हिम्मत है तो फाइव स्टार होटल में जाइये. उनको कहिए क्यों आप हलाल मीट रख रहे हैं. केएफसी को कहिए वो क्यों हलाल मीट रख रहे हैं. ऐसा तो है नहीं कि कांवड़ वाले रूट पर टू स्टार होटल नहीं होंगे. संविधान एक मिनट के लिए भी सस्पेंड नहीं हो सकता है. मिनट तो छोड़िए आप एक सेकेंड के लिए भी नहीं कर सकते हैं. जिन गरीबों को होटल से निकाला गया है वो 15 दिन तक अपना जीवन यापन कैसे करेंगे.