क्या है पोस्टमेनोपॉज, क्यों इसमें महिलाओं को बीमारियों का खतरा सबसे ज्यादा होता है
मेनोपॉज महिलाओं में होने वाली एक नेचुरल प्रक्रिया है. यह तब होती है जब पीरियड्स आने बंद हो जाती है. जब लगातार 10 से 12 महीने तक पीरियड्स नहीं होते तो उस प्रोसेस को मेनोपॉज कहा जाता है. आमतौर पर मेनोपॉज 50 साल की उम्र के बाद होता है. इस दौरान ओवरीज़ में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का लेवल घटने लगता है. हार्मोनों का लेवल काफी घटने से पीरियड्स बंद हो जाते हैं. मैनोपॉज के बाद गर्भधारण भी मुश्किल होता है. लेकिन मैनोपॉज के बाद के जीवन में महिलाओं को कई बीमारियों का सामना करना पड़ता है. इस मैनोपॉज के बाद के समय को मेडिकल की भाषा में पोस्टमेनोपॉज कहा जाता है.
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि मेनोपॉज की तीन स्टेज हैं. इनमें पहलाी स्टेज है पेरिमेनोपॉज जो मेनोपॉज से करीब 10 साल पहले शुरू हो सकता है. इस स्टेज में महिला के शरीर में हार्मोन का लेवल कम होना शुरू होता है . यह आमतौर पर 40 की उम्र के आसपास शुरू हो जाता है. दूसरी स्टेज को मेनोपॉज कहते हैं. इसमें पीरियड्स आने पूरी तर बंद हो जाते हैं. इस स्टेज में ओवरी में अंडे नहीं होते और इस कारण गर्भधारण सामान्य तरीकों से नहीं हो पाता है. तीसरा और अंतिम स्टेज पोस्टमेनोपॉज होता है, जो मेनोपॉज के बाद का समय है.
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक, पोस्टमेनोपॉज में महिलाओं हार्ट डिजीज का जोखिम बढ़ जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर कम हो जाता है. हार्मोन की ये कमी कई दूसरी बीमारियों का भी कारण बनती है.
क्या हैं लक्षण?
गर्मी के एहसास, जिन्हें हॉट फ्लैशेज कहा जाता हैय
नींद में कठिनाई
चिड़चिड़ाप
डिप्रेशन भी पोस्टमैनोपॉज के लक्षणों में शामिल हैं.
मेनोपॉस के 4 आम मिथ क्या है?
मेनोपॉज जीवन के बहुत देर से शुरू होता है?
यह सच नहीं है. मेनोपॉज आमतौर पर 45 से 55 साल की उम्र के बीच शुरू होता है, लेकिन यह सब महिलाओं के अनुसार अलग-अलग हो सकता है.
मेनोपॉज थोड़े समय के लिए होता है?
मेनोपॉज एक पल में समाप्त नहीं होता. इसके लक्षण कई सालों तक बने रह सकते हैं, खासकर पेरिमेनोपॉज और पोस्टमेनोपॉज के दौरान.
मेनोपॉज के दौरान गर्मी लगना और रात में पसीना आना जरूरी है?
हर महिला को ये लक्षण नहीं होते. मेनोपॉज के अनुभव व्यक्ति-व्यक्ति पर निर्भर करते हैं.