क्या है प्रेगनेंसी ब्रेन, गर्भावस्था के दौरान कुछ महिलाएं क्यों हो जाती हैं इस बीमारी का शिकार?
प्रेगनेंसी हर महिला के जीवन का सबसे अहम पड़ाव है. इसमें महिला शारीरिक और मानसिक रूप से कई उतार-चढ़ावों से गुजरती है. शारीरिक बदलाव तो नजर आते हैं लेकिन महिलाओं को कई मानसिक बदलावों का भी सामना करना पड़ता है. जिसमें से एक है प्रेगनेंसी ब्रेन जिसे गर्भावस्था मस्तिष्क और मम्मी ब्रेन भी कहा जाता है. हालांकि प्रेगनेंसी में ये हर एक को नहीं होता लेकिन कुछ महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान इस परेशानी से दो-चार होती है.
सीनियर गायनेकोलॉजिस्ट नुपुर गुप्ता बताती हैं कि ये जरूरी नहीं कि प्रेगनेंसी ब्रेन हर प्रेगनेंट महिला को हो लेकिन कुछ महिलाएं प्रेगनेंसी में इस स्थिति का सामना करती है. इसमें महिलाओं को दिमाग में ब्रेन फॉग जैसी स्थिति हो जाती है जिससे उन्हें किसी बात पर ध्यान केंद्रित करने या कोई बात याद रखने में परेशानी होती है. इसे “मम्मी ब्रेन” के नाम से भी जाना जाता है, यह आमतौर पर पहली तिमाही में शुरू होती है और बच्चे के जन्म के बाद कम हो जाती है.
प्रेगनेंसी ब्रेन क्या है
प्रेगनेंसी के दौरान हार्मोंस में बदलाव के चलते दिमाग संबंधी परेशानी को प्रेगनेंसी ब्रेन कहते हैं. इसमें महिला को किसी बार को याद रखने में, किसी चीज पर ध्यान केंद्रित करने में परेशनी आती है. ये हर महिला को न होकर किसी किसी को होती है. इसमें बात भूलना, एक साथ कई काम करने में परेशानी आना और बात करते समय किसी बात पर ध्यान फोकस करने में परेशानी आती है, जबकि इससे पहले कभी ऐसा नहीं हुआ होता.
ये कब शुरू होता है
प्रेगनेंसी ब्रेन हार्मोंस में बदलाव के समय शुरू होता है, इसका अनुभव महिला पहली तिमाही में ही कर सकती है. इसमें उसको फोन नंबर तक भूलने का अनुभव हो सकता है, चाबियां कहीं रखकर भूलने जैसा हो सकता है. इसमें कई बार महिलाएं निराश भी महसूस कर सकती हैं, ये सभी दिमाग से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं.
न्यूरोसाइंटिस्ट बताते हैं कि प्रेगनेंसी के महिला के मस्तिष्क की संरचना और कार्य वास्तव में बदल जाते हैं. अध्ययनों से पता चला है कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के मस्तिष्क में ग्रे मैटर सिकुड़ जाता है ताकि अधिक कुशल कनेक्शन और मस्तिष्क सर्किट के लिए जगह बन सके. ये विशेष क्षेत्र बेहतर सामाजिक अनुभूति और देखभाल करने वाले व्यवहार की अनुमति देता है यही कारण है कि इसी समय महिलाओं में अपने बच्चे के प्रति प्यार, जिम्मेदारी और लगाव बढ़ता है.
इस स्थिति से कैसे निपटें
अगर आप प्रेगनेंसी के दौरान ऐसा महसूस कर रही हैं तो आपको हताश होने की जरूरत नहीं क्योंकि आपके साथ ऐसा कुछ हार्मोंस के बदलाव के कारण हो रहा है और बच्चे के जन्म के बाद सब सामान्य हो जाएगा इसलिए इस दौरान इस स्थिति से निपटने के लिए आप कुछ एतिहात बरत सकती हैं.
– एक डायरी बनाएं और उसमें रोज अपने काम की बातें लिखें ताकि कुछ भूलने की स्थिति में आप डायरी से चेक कर सकें. आप डायरी में जरूरी काम के नंबर भी रख सकती हैं.
– आप फोन रिमाइंडर की मदद से भी सब याद रख सकती हैं. भूलने की स्थिति में आप अपने फोन से चेक कर सकती हैं,
– नींद पूरी लें, हो सकता है ये सब चीजें आप कम नींद की वजह से फेस कर रही हों इसलिए पर्याप्त आराम करें, और सोने का समय निश्चित करें. रोजाना 7-8 घंटे की नींद लें. आप चाहे तो दिन में भी 1से 2 घंटे आराम के लिए निकाल सकती हैं.
– कैफीन का सेवन कम करें, कैफीन से भी आपके दिमाग पर असर पड़ता है इसलिए आप कैफीन का जितना हो सके कम सेवन करें.
– दिमाग को तेज रखने के लिए आप डीएचए और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ का सेवन केरं, इसके लिए अखरोट, क्रैनबेरी खाएं.
– एक्सरसाइज की मदद से भी आप ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर रख सकती हैं, इसलिए रोजाना आधे घंटे की एक्सरसाइज या फिर वॉक करें.