क्या है वेपिंग, इसका बढ़ता चलन सेहत को कैसे पहुंचा रहा नुकसान

आजकल युवाओं में सिगरेट के मुकाबले ई-सिगरेट और वेपिंग का शौक ज्यादा बढ़ गया है और ज्यादातर लोग इसे सिगरेट का बेहतर विकल्प मान रहे हैं. उनका कहना है कि इससे स्मोकिंग से कम नुकसान होता है. हालांकि ये बात काफी हद तक सही है कि ये स्मोकिंग के मुकाबले कम नुकसान पहुंचाती है लेकिन इसके भी अपने कई गंभीर नुकसान हैं.
दरअसल वेपिंग में कई रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है और जब ये गर्म होते हैं तो अत्यधिक जहरीले हो जाते हैं जिससे ये स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं. एक शोध में ये सामने आया है कि जब इन वेप्स को गर्म किया जाता है जब इससे तेजी से जहरीले रसायनों का रिसाव होता है जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है जिससे कई गंभीर परिणाम देखे जाते हैं. इस शोध में ऐसे 180 वेप फ्लेवर्स शामिल किए गए जिसे वेपिंग के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
क्या है वेपिंग
वेपिंग में लिक्विड फ्लेवर को जब उच्च तापमान पर गर्म किया जाता है तब एयरोसोल का निर्माण होता है जिसे सांस के द्वारा अंदर खिंचा जाता है. इसमें कई प्रकार के केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है. जिनमें ग्लिसरी, प्रोपलीन ग्लाइकोल, निकोटीन और फ्लेवर्ड केमिकल्स शामिल होते हैं. इसके अलावा इन फ्लेवर्स में कई फलों के स्वाद वाले वेप्स जैसे स्ट्रॉबेरी, तरबूज और ब्लूबेरी भी काफी चलन में है. लेकिन ये गर्म होने पर खतरनाक रसायन पैदा करता है जिससे सेहत को काफी नुकसान पहुंचता है.इससे क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज, हार्ट संबंधी बीमारियां और कैंसर होने का खतरा बढ़ रहा है.
ई-सिगरेट के नुकसान
सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर वरूण बंसल कहते हैं कि ई सिगरेट में कई केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है जिसमें से वेपर निकलता है हालांकि ये नॉर्मल सिगरेट से कम नुकसानदायक होती है पर ई-सिगरेट में भी केमिकल्स होते हैं जिससे कई नुकसान हो सकते हैं. आज के युवा ज्यादा कूल दिखने के लिए भी शौक में ई-सिगरेट पीते हैं पर धीरे धीरे इसकी आदत पड़ जाती है. इसकी वजह से लंग्स को नुकसान पहुंचता है.
केमिकल्स की वजह से और इसको लगातार इस्तेमाल करने से नॉर्मल स्मोकिंग की आदत भी पड़ जाती है क्योंकि वो खुद को इसे पीने से नहीं रोक पाता. ई-सिगरेट से नॉर्मल सिगरेट में स्विच होना इनके लिए आसान हो जाता है.
दोनों में कौन ज्यादा नुकसानदायक
डॉक्टर वरूण ई-सिगरेट को नॉर्मल सिगरेट के मुकाबले कम नुकसानदायक बताते हैं, लेकिन इसे बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं माना जा सकता न ही इसे नॉर्मल सिगरेट के विकल्प पर चुना जाना चाहिए क्योंकि इसमें इस्तेमाल किए जाने वाले केमिकल्स भी लंग्स को नुकसान पहुंचाते हैं साथ ही इसकी लत से नॉर्मल सिगरेट में ट्रांसफर हो जाना इंसान के लिए आसान हो जाता है. इसलिए इन दोनों तरह की ही सिगरेट्स को न पिया जाए तो बेहतर है. जिन लोगों को ई-सिगरेट पीने की आदत है उनको इसे छोड़ देना चाहिए. लंबे समय तक इसको पीने से कैंसर जैसी बीमारी का भी खतरा हो सकता है.

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