क्या है RSV इन्फेक्शन, क्यों ये बच्चों को बनाता है शिकार, कैसे दिखते हैं लक्षण
बारिश के मौसम के दौरान कई बीमारियां का खतरा रहता है, खासतौर पर सांस संबंधी बीमारियों के मामले ज्यादा सामने आते हैं. इनमें एक बीमारी है जिसको रेस्पिरेटरी सिंसिशियल वायरस (RSV) कहते हैं. यह नवजात शिशुओं को ज्यादा शिकार बनाती है और इस बीमारी से उनके लिए गंभीर खतरा पैदा हो सकता है. एक्सपर्ट्स बताते हैं की आरएसवी वायरस विशेष रूप से 12 महीने से छोटे बच्चों, हार्ट और लंग्स की बीमारियों से पीड़ित इंसानों के लिए अधिक खतरनाक है. ऐसे में RSV के लक्षणों को पहचानना जरूरी हैं. एक्सपर्ट्स से जानते हैं कि यह फैलता कैसे है.
दिल्ली के आरएमएल हॉस्पिटल में सीनियर रेजिडेंट डॉ. हिमांशु सिंह बताते हैं की RSV वायरस शरीर में नाक, या मुंह के जरिए जाता है. अगर कोई बच्चा RSV से संक्रमित है और खांसता या छींकता है, तो यह वायरस हवा में फैल जाता है. इससे कोई दूसरा इंसान भी इस वायरस से संक्रमित हो सकता है. कई मामलों में यह वायरस सीधे संपर्क के जरिए भी फैल सकता है, जैसे किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ हाथ मिलाने पर और अगर आप संक्रमित सतह को टच करते हैं तो भी यह वायरस आपके हाथों पर आ सकता है और फिर अगर अपनी नाक या मुंह को छूते हैं, तो वायरस आपके शरीर के अंदर जा सकता है.
क्या है लक्षण?
RSV के लक्षण अक्सर फ्लू जैसे होते हैं, लेकिन यह वायरसछोटे बच्चों और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों के लिए गंभीर लक्षण पैदा कर सकता है. लक्षण कुछ ऐसे दिखते हैं.
खांसी
नाक बहना
नाक बंद होना
छींक आना
तेज बुखार होना
गले में खराश
ये हैं गंभीर लक्षण
भूख कम हो सकती है
सांस संबंधी समस्याएं बढ़ जाती हैं
त्वचा का रंग नीला या ग्रे हो सकता है.
कैसे करें बचाव?
हाथों को बार-बार धोएं.
संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से बचें.
किसी व्यक्ति के खांसने या छींकने के समय अपना मुंह और नाक ढक लें.
रोजाना घर की वस्तुओं की साफ-सफाई करें.
अपना समान दूसरों के साथ शेयर न करें.
धूम्रपान के कारण बच्चों के लिए RSV वायरस का जोखिम बढ़ सकता है. ऐसे में धूम्रपान न करें.
फ्लू का टीका बच्चों को जरूर लगवाएं