क्या होता है डिटॉक्सिफिकेशन, स्किन, लिवर समेत इन अंगों के लिए है जरूरी

डिटॉक्सिफिकेशन ये शब्द आपने भी कई बार सुना होगा, लोग डिटॉक्स वाटर भी पीते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि डिटॉक्सिफिकेशन क्या होता है और ये क्यों जरूरी है. दरअसल मोटर गाड़ियों से लेकर प्लास्टिक का इस्तेमाल, फैक्ट्रियों से निकलने वाले केमिकल कई ऐसी वजह हैं, जिससे हमारे वातावरण में काफी प्रदूषण बढ़ गया है और आज के वक्त का खानपान भी काफी खराब हो गया है, जिससे शरीर के अंगों और कोशिकाओं में टॉक्सिन जमा हो जाते हैं, इससे पूरे स्वास्थ्य पर काफी बुरा असर पड़ता है इन टॉक्सिन को बॉडी से बाहर निकालना बेहद जरूरी होता है. डिटॉक्सिफिकेशन का मतलब होता है शरीर से टॉक्सिन यानी विषाक्त पदार्थों बाहर निकालना.
बॉडी में टॉक्सिन जमा हो जाने पर आपकी पूरी सेहत पर बुरा असर पड़ता है. इसी वजह से आजकल कम उम्र के बच्चे भी गंभीर बीमारियों की चपेट में आने लगे हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि बॉडी डिटॉक्सिफिकेशन कितनी तरह का होता है और इससे क्या-क्या फायदे होते हैं. कैसे ये हमारी त्वचा से लेकर लिवर तक को हेल्दी रखने के लिए जरूरी है.
अल्कोहल डिटॉक्सिफिकेशन
दरअसल अल्कोहल डिटॉक्सिफिकेशन उन लोगों के लिए होता है जो शराब की लत के शिकार हो चुके हैं और रोजाना ड्रिंक करते हैं. बहुत ज्यादा शराब पीने वाले इंसान को अगर सीधे शराब छुड़वा दी जाए तो इसके भी गंभीर असर दिखाई दे सकते हैं. अल्कोहल डिटॉक्स का मतलब शराब की लत का इलाज नहीं होता है, बल्कि डिटॉक्सिफिकेशन के बाद शराब के लत को बढ़ावा देने वाली लत को धीरे-धीरे कम किया जाता है. इसी तरह से बॉडी से ड्रग डिटॉक्सिफिकेशन भी किया जाता है.
मेटाबॉलिक डिटॉक्सिफिकेशन
चयापचय या मेटाबॉलिक डिटॉक्सिफिकेशन में शरीर से अनवॉन्टेड सब्सटेंस को निकालने की प्रक्रिया होती है. इसमें शरीर से जेनोबायोटिक्स (ऐसे रसाय जो पर्यावरण या किसी जीव के संपर्क में आने से शरीर में पहुंच जाए), अनावश्यक एंडोबायोटिक (जो शरीर में अंतः परजीवी पनप जाते हैं) को शरीर से निकाला जाता है. दरअसल शरीर को बाहरी वातावरण में मौजूद टॉक्सिन के प्रभावों से बचाने और बॉडी के अंदरूनी बैलेंस को बनाए रखने के लिए मेटाबोलिक डिटॉक्सिफिकेशन जरूरी होता है.
अल्टरनेटिव मेडिसिन डिटॉक्सिफिकेशन
इस डिटॉक्सिफिकेशन प्रोसेस में हर्बल या इलेक्ट्रोमैग्नेटिक ट्रीटमेंट के जरिए विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने का दावा किया जाता है. हालांकि इसका शरीर पर कितना प्रभाव दिखता है, इसपर कुछ भी स्पष्ट रूप से नहीं कहा जा सकता है.
डिटॉक्सिफिकेशन के फायदे
बॉडी में टॉक्सिन इकट्ठा होने पर लिवर, गुर्दे आदि पर ज्यादा दबाव पड़ने लगता है, इसलिए बॉडी डिटॉक्सिफिकेशन के जरिए से अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकाला जाता है और इन अंगों से जुड़ी समस्याओं के होने की संभावना कम हो जाती है. बॉडी डिटॉक्सिफिकेशन से एनर्जी में सुधार होता है. त्वचा हेल्दी बनती है. वेट कंट्रोल में हेल्प मिलती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी मदद मिलती है. यह बेहद जरूरी है कि अगर आपको किसी भी तरह का बॉडी डिटॉक्सिफिकेशन प्रोसेस करवाना है तो किसी अच्छे डॉक्टर से परामर्श जरूर लें.

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