क्या होता है परजीवी संक्रमण, क्या ये कच्चा मांस खाने से भी हो सकता है?

अमेरिका में एक व्यक्ति को कच्चा मांस खाने से पैरासाइटिक इंफेक्शन हो गया. पैरासाइटिक इंफेक्शन को परजीवी संक्रमण कहते हैं.
परजीवी संक्रमण उन जीवों से होने वाली बीमारियां हैं जो दूसरे जीवों से पोषण लेकर अपनी जीवन चलाते हैं . परजीवी संक्रमण दूषित भोजन, गंदा पानी, कीड़े के काटने और अधपका मांस खाने से होता है. एंटीपैरासिटिक दवाएं परजीवी संक्रमण का इलाज करती हैं. अगर आपने किसी जानवर का कच्चा मांस खा लिया है तो परजीवी संक्रमण होने का रिस्क रहता है.
यह इंफेक्शन होने परबुखार, थकान, आंतों में इंफेक्शन, स्किन पर दाने या न्यूरोडिसऑर्डर हो सकते हैं. परजीवी संक्रमण अक्सर दस्त और उल्टी जैसे लक्षणों के साथ आंतों की बीमारी का कारण भी बनता है. परजीवी संक्रमण के कई प्रकार हैं. इनमेंप्रोटोज़ोआ, कृमि और एक्टोपारासाइट्स प्रमुख हैं. दुनिया भर में हर साल लाखों लोगों को परजीवी संक्रमण होता है. इससे लोगों की मौते भी होती है. इसका कोई निर्धारित इलाज नहीं है. अगर ये इंफेक्शन ब्रेन में हो जाता है तो मरीज की जान बचानी मुश्किल हो जाती है. पानी में पाए जाने वाले छोटा सा अमीबा भी अगर इंसान के शरीर में चला जाए तो मौत का कारण बन सकता है. न्यूरोलॉजिकल लक्षण में दौरे पड़ना और गंभीर सिरदर्द शामिल है.
परजीवी संक्रमण का ख़तरा किसे है?
किसी को भी परजीवी संक्रमण हो सकता है, लेकिन कुछ लोगों को दूसरों की तुलना में अधिक रिस्क होता है. इनमें जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होती है उनको इसका रिस्क ज्यादा होता है. जो लोग तालाबों के आसपास रहते हैं या गंदापानी पीते हैं उनको भी खतरा रहता है. तालाबों के आसपास रहने वालों लोगों में जिआर्डिया या अन्य परजीवी का संक्रमण आम है. यह परजीवी पानी के अंदर होते हैं. पानी पीने के दौरान यह शरीर में चले जाते हैं और फिर किसी भी हिस्से या दिमाग तक में प्रवेश कर जाते हैं. जो मौत का कारण बनता है.
कैसे लगाया जाता है इसका पता
ब्लड टेस्ट
स्टूल टेस्ट
एंडोस्कोपी या कोलोनोस्कोपी
एक्स-रे
क्या है इलाज
परजीवी से होने वाली बीमारी का कोई निर्धारित इलाज नहीं है. मरीज के लक्षणों के हिसाब से उसका ट्रीटमेंट किया जाता है. इस दौरान कुछ एंटीपैरासिटिक दवाएं भी जी जाती हैं.

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