क्या होती है पीडियाट्रिक लिवर डिजीज, कैसे ये बच्चों की सेहत कर सकती है खराब
फैटी लिवर, लिवर सिरोसिस या लिवर का फेल हो जाना, ये ऐसी बीमारियां हैं जो आमतौर पर बढ़ती उम्र में होती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बच्चे भी लिवर की बीमारियों का शिकार होते हैं. बच्चों में लिवर की बीमारी को पीडियाट्रिक लिवर डिजीज कहते हैं.बच्चों में हेपेटाइटिस और पीडियाट्रिक हेपेटाइटिस का ज्यादा खतरा होता है. हेपेटाइटिस लिवर की गंभीर बीमारी है और यह लिवर फेल होने का कारण भी बन सकती है. हेपेटाइटिस की वजह से बच्चों के लिवर में सूजन आ जाती है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, साल 2023 में दुनियाभर में हेपेटाइटिस के बच्चों में करीब 15 लाख मामले आए थे. इनमें कुछ बच्चे इस बीमारी के कारण लिवर फेल का भी शिकार बने थे.बच्चों में लिवर की बीमारी क्यों होती है. इसके लक्षण और बचाव के बारे में एक्सपर्ट्स से जानते हैं. एम्स में पीडियाट्रिक विभाग में डॉ. राकेश कुमार बताते हैं की खराब पानी, खराब भोजन की वजह से बच्चे हेपेटाइटिस का शिकार हो जाते हैं. हेपेटाइटिस पांच प्रकार का होता है ( हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी और ई). बच्चों में सबसे ज्यादा खतरा हेपेटाइटिस ए का होता है. हेपेटाइटिस के कारण लिवर में सूजन आ जाती है. जिससे लिवर सेल्स को नुकसान पहुंचता है. मामलों में इम्यूनिटी से संबंधित परेशानी और गलत तरीके से ब्लड ट्रांसफ्यूजन यानी खून चढ़ाने से भी हेपेटाइटिस हो जाता है.
हेपेटाइटिस बच्चों के लिए कितना खतरनाक?
डॉ. राकेश बताते हैं कीजिन बच्चों को जन्म के बाद हेपेटाइटिस का टीका नहीं लगता है उनको इस बीमारी का रिस्क ज्यादा होता है. हेपेटाइटिस को अगर समय पर कंट्रोल न करें तो इससे लिवर में इंफेक्शन हो जाता है. जो लिवर फेल होने का कारण भी बन सकता है. बच्चों में भी हेपेटाइटिस खतरनाक साबित हो सकता है. ऐसे में इसके लक्षणों की समय पर पहचान जरूरी है
हेपेटाइटिस के लक्षण क्या होते हैं
आंखों का पीला होना
नाखूनों का पीला होना
थकावट बने रहना
उल्टी आना
दस्त लगना
पेट में दर्द
भूख में कमी
हेपेटाइटिस की जांच कैसे करें
ब्लड टेस्ट
लिवर एंजाइम टेस्ट
एलएफटी
एंटीबॉडी और पोलीमरेज़ टेस्ट
सेलुलर ब्लड टेस्ट
सीटी स्कैन
अल्ट्रासाउंड
लिवर की बायोप्सी
बच्चों को हेपेटाइटिस से बचाएं कैसे
साफ सफाई का ध्यान रखें
बच्चों को बाहर का भोजन न दें
साफ पानी पीने को दें
हेपेटाइटिस का टीका लगवा लें
बच्चों को रोटावायरस वैक्सीन भी लगवा लें.