क्या 1 लाख के पार जाने वाला है सेंसेक्स, ये रही पूरी डिटेल
भारत के सबसे बड़े इंडेक्स सेंसेक्स ने पिछले 45 सालों में निवेशकों को 850 गुना का शानदार रिटर्न दिया है. अप्रैल 1979 में सेंसेक्स की शुरुआत के समय किया गया 1 लाख रुपए का निवेश, जो उस समय किसी भी तरह से छोटी रकम नहीं थी, अब 8.5 करोड़ रुपए के बराबर हो चुकी है. इस सप्ताह 85,000 के एक और मील के पत्थर को छूने के बाद सेंसेक्स अब 1 लाख के निशान के करीब पहुंच रहा है. एक ऐसी उपलब्धि जिसे दलाल स्ट्रीट के कुछ सबसे आशावादी तेजड़िए वित्त वर्ष 25 में ही हासिल करने की उम्मीद कर रहे हैं. अगर सेंसेक्स अपने ऐतिहासिक औसत 16% CAGR पर बढ़ता रहा, तो यह आंकड़ा दिसंबर 2025 के आसपास ही पहुंचने की संभावना है.
कैसे पुरा होगा 1 लाख का टार्गेट?
सेंसेक्स को जादुई 1,00,000 के स्तर को छूने के लिए अब 17.5% की और छलांग लगाने की जरूरत है. या तो बाजार रोज एक फीसदी का छलांग मारना शुरू कर दे तब तो यह आंकड़ा 18 ट्रेडिंग सेशन में पूरा हो जाएगा, लेकिन यह किसी भी तरह से हकीकत में होता नहीं दिख रहा है. डेजर्व के को-फाउंडर वैभव पोरवाल कहते हैं कि वर्तमान बाजार स्तर बाजार की बुनियादी बातों और लिक्विडिटी प्रवाह का प्रतिबिंब है. मौलिक रूप से बाजार को प्रति वर्ष 12-15% रिटर्न देना चाहिए और इसलिए हमें उम्मीद है कि बाजारों को इन स्तरों तक पहुंचने में 18-24 महीने लगेंगे. हालांकि, बाजार में मजबूत खरीदारी दिख रही है, जिसमें शानदार लिक्विडिटी है. ऐसे में जल्द ही 1 लाख की संख्या हम देख सकते हैं.
इस बात का रखें ध्यान
यहां एक बात और ध्यान रखना होगा कि रिटेल फ्लो से मार्केट यह उपलब्धि नहीं हासिल कर सकता है. इसके लिए विदेशी निवेशकों की भागीदारी और ब्लूचिप स्टॉक्स का शानदार परफॉर्मेंस शामिल है. एक्सपर्ट का मानना है कि भारत में एफआईआई प्रवाह में तेजी आ सकती है. एमके ग्लोबल के शेषाद्रि सेन कहते हैं कि विदेशी निवेशक अब तक काफी हद तक चूक गए हैं, लेकिन हमारा मानना है कि वे अब अधिक वैल्यूएशन को देखने और भारत में अपना जोखिम बढ़ाने के लिए तैयार हैं. एफआईआई ने इस कैलेंडर वर्ष में अब तक लगभग 92,000 करोड़ रुपए का निवेश किया है, जबकि वर्ष 2023 में यह 1.7 लाख करोड़ रुपए (निफ्टी मार्केट कैप का 1.2%) था, जो दर्शाता है कि आगे भी इसमें तेजी की गुंजाइश है.