क्यों किया जाता है लिवर ट्रांसप्लांट, किन लोगों को पड़ती है इसकी जरूरत

बीमारियों के बढ़ते दायरे के कारण शरीर के अंग भी खराब हो रहे हैं. जब किसी व्यक्ति का कोई अंग खराब हो जाता है और फंक्शन नहीं कर पाता तो इस अंग को निकालकर दूसरा स्वस्थ ऑर्गन लगाया जाता है. इसको ऑर्गन ट्रांसप्लांट कहते हैं. भारत में ट्रांसप्लांट कराने वाले मरीजों की संख्या हर साल बढ़ रही है. लिवर, किडनी और हार्ट खराब होने के मामले बढ़ने की वजह से ऐसा हो रहा है, लेकिन ट्रांसप्लांट कराने वालों की तुलना में डोनर कम है.
राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (NOTTO) के मुताबिक, भारत में एक फीसदी से भी कम लोग अंगदान करते हैं. कई लोग ऑर्गन डोनेशन के अभाव में जान गंवा देते हैं. नोटो के मुताबिक, भारत में बीते 10 सालों में लिवर फेल होने और लिवर ट्रांसप्लांट के मामले बढ़े हैं. लिवर क्यों खराब होता है और क्यों इसका ट्रांसप्लांट किया जाता है. इस बारे में एक्सपर्ट्स से जानते हैं.
लिवर क्यों होता है खराब?
भुवनेश्वर के मणिपाल अस्पताल में जीआई सर्जरी विभाग में डॉ. ज्योतिर्मय जेना बताती हैं कि लिवर ट्रांसप्लांट तब जरूरी हो जाता है जब लिवर फेल होता है. शराब का अधिक सेवन, हेपेटाइटिस वायरस, फैटी लिवर की बीमारी और कुछ ऑटोइम्यून स्थितियों की वजह से लिवर फेल होता है. हालांकि यह सब एकदम से नहीं होता है. लिवर खराब होने की शुरुआत फैटी लिवर से हो सकती है. अगर समय पर इस समस्या की ओर ध्यान दे दिया जाता है तो लिवर को फेल होने से बचाया जा सकता है.
किन लोगों को होता है लिवर ट्रांसप्लांट
आमतौर पर दवा के माध्यम से लिवर को ठीक करने की कोशिश की जाती है, लेकिन जब दवा काम नहीं करती हैं तो लिवर ट्रांसप्लांट करना पड़ता है. जब मरीज का एमईएलडी स्कोर 15 से अधिक हो जाता है तब लिवर का ट्रांसप्लांट किया जाता है. ट्रांसप्लांट के लिए एक डोनर की जरूरत होती है. जिससे मरीज का ब्लड ग्रुप मैच होना चाहिए.
परिवार का कोई भी सदस्या या कोई अन्य व्यक्ति लिवर डोनेट कर सकता है. जो व्यक्ति लिवर डोनेट करता है उसमें कुछ महीनों के बाद ही लिवर फिर से बन जाता है. जीवित डोनर में पूरा लिवर नहीं निकाला जाता है बल्कि लिवर का कुछ हिस्सा निकाला जाता है. जबकि मृतक डोनर में पूरा लिवर निकालकर ट्रांसप्लांट किया जाता है. हालांकि भारत में अधिकतर मामलों में कोई परिचित ही लिवर डोनेट करता है. ब्रेन डेड मरीजों का लिवर मिलना मुश्किल होता है.
कितना सफल है लिवर ट्रांसप्लांट
भारत में लिवर ट्रांसप्लांट की सफलता दर 90% से अधिक है. जब एक स्वस्थ व्यक्ति अपना लिवर दान करता है तो , तो डोनर को आमतौर पर कोई खास समस्या नहीं होती है. लिवर ट्रांसप्लांट का फैसला गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट और लीवर ट्रांसप्लांट सर्जन द्वारा एमईएलडी स्कोर के आधार पर किया जाता है.

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