क्यों घटा मक्का मदीना में जुम्मे की नमाज का वक्त, हर रोज दी जा रही हज यात्रियों को ये चेतावनी
हज के महीने की शुरुआत हो चुकी है, जिसके बाद से सऊदी अरब के पवित्र स्थल मक्का और मदीना में हज तीर्थयात्रियों की तादात बढ़ती जा रही है. लाखों की संख्या में सऊदी आ रहे लोगों की स्वास्थ्य सऊदी सरकार के लिए एक बड़ा मुद्दा है, जिसके लिए सरकार की तरफ से आए दिन हज यात्रियों को स्वास्थ्य की चेतावनी दी जा रही है. चेतावनियों के साथ ही सरकार ने हज यात्रियों के लिए देश में दी जी रही सुविधाओं को बढ़ा दिया गया है.
साल के सबसे गर्म महीने के दौरान मक्का में हज करने वाले यात्रियों के लिए आने वाले कुछ समय में काफी बड़ी चुनौतियां आने वाली हैं. इससे बचने के लिए नमाजों का वक्त भी घटा दिया गया है. दरअसल, हज करने के लिए दुनियाभर से हर उम्र के लोग सऊदी पहुंचते हैं, जिनमें से कुछ लोग काफी बुजुर्ग हैं. सरकार ने बढ़ती गर्मी को देखते हुए लोगों की स्वास्थ्य पर चिंता दिखाया है.
पिछली साल की तुलना में बढ़ा तापमान
सऊदी राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के सीईओ अयमान बिन सलीम गुलाम ने हाल ही में बताया कि दोपहर के समय मक्का मदीना जैसी जगहों का तापमान 45-48 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, जो कि पिछली साल की तुलना में ज्यादा है. उन्होंने आगे कहा कि इस बढ़ती गर्मी के लिए बुजुर्गों को काफी खतरा होता है क्योंकि गर्मी की वजह से कई तरह की शारीरिक समस्याएं उत्पन्न होती हैं. इससे गंभीर समस्या हो सकती है. जिसके लिए हज यात्रियों को हर तरह की सावधानी बरतने की बात कही गई है. इस गर्मी से बचने के लिए और हज यात्रियों की सुरक्षा के लिए सऊदी सरकार और हज प्राधिकारियों ने कई उपाय लागू किए हैं.
सरकार ने यात्रियों के लिए बढ़ाई सुविधाएं
आने वाले समय में गर्मी के और बढ़ने के आसार हैं, जो कि काफी खतरनाक साबित हो सकता है. सऊदी अरब में कार्डियो क्लिनिकल फार्मेसी ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. फखर अल-अयूबी ने सऊदी की न्यूज एजेंसी को बताया कि बढ़ती गर्मी से डिहाइड्रेशन, हीट स्ट्रोक और कई समस्या हो सकती है. सऊदी सरकार के नए उपायों में सबसे पहले मेडिकल इमरजेंसी को ध्यान में रखा गया है, जिसके लिए मेडिकल सुविधाओं को पहले से और ज्यादा बढ़ाया गया है इसके अलावा यात्रियों को आराम करने के लिए अच्छी जगहों को भी उपलब्ध कराया गया है. सरकार ने हज यात्रियों के लिए ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा भी दी गई.
मस्जिद में नमाजों का घटाया गया समय
इस साल सबसे गर्म मौसम को देखते हुए मक्का और मदीना के इमामों को भी हज के मौसम में मस्जिदों में जुमे की नमाज (शुक्रवार की नमाज) के वक्त को कम करने का भी निर्देश दिया गया है. इसके अलावा मस्जिदों में जो इमाम धार्मिक उपदेश देते हैं उन्हें भी कम वक्त का करने के लिए कहा गया है. ग्रैंड मस्जिद और पैगंबर की मस्जिद में धार्मिक मामलों के प्रेसीडेंसी के प्रमुख शेख अब्दुल रहमान अल-सुदैस ने कहा कि इमामों को ये भी कहा गया था कि वे अजान और इकामत (नमाज से पहले होने वाली प्रार्थना) के बीच के समय को भी कम किया जाए जिससे हज के लिए आने वाले बुजुर्गों को कम परेशानी का सामना करना पड़े.