क्यों बजट को न्याय पत्र का कॉपी पेस्ट मान रही है कांग्रेस?

आम बजट में सरकार ने युवाओं के लिए कई लुभावनी योजनाओं का ऐलान कर कांग्रेस के युवा न्याय दांव की दम निकालने की कोशिश की है. बजट में युवाओं को इंटर्नशिप कराने के साथ-साथ सहायता भत्ता दिए जाने का ऐलान किया है. वहीं कौशल विकास के साथ पहली बार नौकरी पाने वाले युवाओं को भी संतुष्ट करने की कोशिश बजट में दिखाई दे रही है. कांग्रेस भी इसे अपने न्याय पत्र का कॉपी पेस्ट मान रही है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया. बजट की शुरुआत में ही उन्होंने ये ऐलान कर दिया था कि बजट गरीब, महिला, युवा एवं अन्नदाता को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है. बजट में इसकी झलक साफ दिखी. वित्त मंत्री के बजट भाषण में सबसे ज्यादा जोर इन्हीं पर दिखा. खासकर युवाओं को लेकर जो घोषणाएं की गईं वह कांग्रेस और राहुल गांधी के युवा न्याय संकल्प की काट के तौर पर देखी जा रही हैं.
क्या था राहुल गांधी का युवा न्याय संकल्प?

कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए जो न्याय पत्र जारी किया था उसकी थीम में युवाओं को आगे रखा था. इसमें सबसे बड़ा जो ऐलान अप्रेंटिस एक्ट 1961 को खत्म कर अप्रेंटिसशिप अधिनियम लाने का था, जिससे 25 वर्ष से कम उम्र के डिप्लोमा धारक या कॉलेज स्नातक के लिए निजी व सरकारी क्षेत्र की कंपनियों में एक साल के अप्रेंटिसशिप कार्यक्रम को अनिवार्य किया जाना था.
न्याय पत्र में ये भी ऐलान किया गया था कि अप्रेंटिसशिप करने वाले हर युवा को एक लाख रुपये प्रतिवर्ष मानदेय दिया जाएगा जो नियोक्ता कंपनी और सरकार बराबर हिस्सों में वहन करेगी.
इसके अलावा युवाओं के कौशल को बढ़ाना, रोजगार क्षमता को बढ़ना तथा उन्हें नौकरी के अवसर प्रदान करने की भी घोषणा की गई थी.
एजुकेशन लोन को लेकर भी न्याय पत्र में ऐलान किया गया था, इसमें घोषणा की गई थी कि सभी एजुकेशन लोन की 15 मार्च 2024 तक की ब्याज राशि को माफ किया जाएगा. इसका भुगतान सरकार करेगी.
कांग्रेस ने ये भी ऐलान किया था कि नियमित और गुणवत्ता वाली अतिरिक्त नौकरी देने के लिए कॉरपोरेट कंपनियों के लिए नई प्रोत्साहन योजना लाएंगे. यदि कंपनियां अतिरिक्त भर्ती करेंगीं तो उन्हें टैक्स क्रेडिट मिलेगा.

बजट में युवाओं के लिए ये किए गए ऐलान

बजट में युवाओं के लिए सबसे खास ऐलान इंटर्नशिप का रखा गया है, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया है कि नौकरी की तलाश में रहने वाले 1 करोड़ युवाओं को देश की टॉप 500 कंपनियों में इंटर्नशिप कराई जाएगी.
इंटर्नशिप करने वाले हर युवा को 5000 हजार रुपये इंटर्नशिप का भत्ता मिलेगा और इसके साथ ही 6 हजार रुपये वित्तीय सहायता भी दी जाएगी.
सरकार ने युवाओं के कौशल विकास का भी ऐलान किया है. वित्त मंत्री ने घोषणा की है कि 5 साल की अवधि में 20 लाख युवाओं का कौशल विकास किया जाएगा.
बजट में एजुकेशन लोन को लेकर भी अहम प्रावधान है, इसके तहत युवा को देश के किसी भी संस्थान में प्रवेश के लिए एजुकेशन लोन ले सकेंगे. इसका 3 प्रतिशत सरकार अदा करेगी. यह धन ई वाउचर्स के माध्यम से युवाओं को दी जाएगी. हर साल तकरीबन 1 लाख छात्रों को इसका लाभ दिए जाने का ऐलान किया गया है.
सरकार ने कंपनियों को अतिरिक्त नौकरियां देने पर दो साल तक हर कर्मचारी के हिसाब से ईपीएफओ कंट्रीब्यूशन का अधिकतम 3 हजार रुपये रिंबर्स किया जाएगा. इसके अलावा नौकरी के पहले चार साल में कर्मचारी और नियोक्ता को ईपीएफओ कंट्रीब्यूशन के आधार पर इन्सेंटिव दिया जाएगा.

पहली नौकरी पक्की और एंजेल टैक्स को ख़त्म करने के अलावा वित्त मंत्री ने कांग्रेस के न्याय पत्र 2024 से एक और आईडिया को अपनाया है – रोज़गार से जुड़े प्रोत्साहन (ELIs)। लेकिन, बजट में घोषित ELIs की प्रभावशीलता को लेकर सवाल उठते हैं।
ELI सभी औपचारिक क्षेत्रों में कार्यबल में नए pic.twitter.com/cM1NG1OBT8
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) July 23, 2024

कांग्रेस ने बताया बजट को कॉपी पेस्ट
आम बजट को कांग्रेस ने अपने न्याय पत्र का कॉपी पेस्ट बताया है, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि सरकार ने जो इटर्नशिप योजना का ऐलान किया है, वह कांग्रेस के न्याय पत्र के प्रशिक्षुता के अधिकार वादे पर आधारित है. पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने सोशल मीडिया पर पोस्ट में कहा कि वित्त मंत्री ने कांग्रेस के घोषणा पत्र में उल्लिखित रोजगार से जुड़ी योजनाओं को पूरी तरह अपना लिया है.

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