क्यों बढ़ रहे स्वाइन फ्लू के मामले, क्या हैं इस बीमारी के लक्षण और बचाव के तरीके
बारिश के इस मौसम में कई बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है. देश में डेंगू, चांदीपुरा वायरस और मलेरिया के केस बढ़ रहे हैं. इस बीच स्वाइन फ्लू के मामलों में भी इजाफा हो रहा है. बीते एक महीने में देशभर में स्वाइन फ्लू के 100 से अधिक मामले आ चुके हैं. दिल्ली- एनसीआर से लेकर मुंबई तक इसके केस आ रहे हैं और अब यह बीमारी धीरे-धीरे फैल रही है. चूंकि इस मौसम में फ्लू से संबंधित कई बीमारियां होने का रिस्क रहता है. ऐसे में आपको स्वाइन फ्लू के बारे में पता होना चाहिए. खासतौर पर इस बीमारी के कारण, लक्षण और बचाव के बारे में जानकारी होना जरूरी है.
डॉक्टर बताते हैं कि बारिश के मौसम में कई प्रकार के बैक्टीरिया एक्टिव हो जाते हैं. यह वायरस कई तरह की बीमारियों का कारण बनते हैं. स्वाइन फ्लू, डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के केस बढ़ते हैं. इन सभी बीमारियों के अधिकतर लक्षण एक जैसे होते हैं. हालांकि स्वाइन फ्लू को H1N1 वायरस भी कहा जाता है.
यह इन्फ्लूएंजा वायरस की वजह से होता हैं. इस संंक्रमण की शुरुआत पिग से होती है और फिर यह मनुष्यों को भी प्रभावित करता है. स्वाइन फ्लू का वायरस लंग्स को प्रभावित करता है. इसका संक्रमण एक से दूसरे व्यक्ति में भी होता है. नजदीक के संपर्क और खांसने या छींकने के दौरान यह फैलता है. जिन इलाकों में बीमारी फैल चुकी होती है वहां इसका इंफेक्शन एक से दूसरे व्यक्ति में तेजी से हो सकता है.
क्या होते हैं लक्षण
सफदरजंग हॉस्पिटल में कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग में एचओडी प्रोफेसर डॉ. जुगल किशोर बताते हैं कि स्वाइन फ्लू में बुखार, गले में खराश, खांसी, शरीर में दर्द और ठंड लगना जैसी परेशानी होती है. अगर यह बीमारी समय पर कंट्रोल न हो तो इससे मरीज को सांस लेने में परेशानी भी हो सकती हैं. जिन लोगो की इम्यूनिटी कमजोर है उनमें इस बीमारी का खतरा अधिक रहता है. इसके अलावा जिन लोगों को हार्ट, लिवर, किडनी और लंग्स से संबंधित कोई पुरानी बीमारी होती है तो उनको भी स्वाइन फ्लू का रिस्क होता है. गर्भवती महिलाओं को भी इस वायरस से बचाव करने की जरूरत है.
कैसे करें बचाव
आपने हाथों को खाना खाने से पहले और बाद में धोएं.
भीड़भाड़ वाले स्थानों से दूर रहें.
आंख, नाक, और मुंह को छूने से बचें.
बाहर जाते समय सर्जिकल मास्क पहने.
फ्लू से बचाव के लिए टीकाकरण जरूर कराएं
फ्लू का लक्षण दिखने पर टेस्ट कराएं और डॉक्टर से सलाह लें