क्रेमलिन का ऑपरेशन ‘नाजी’… यूक्रेन के बाद पुतिन का अगला टारगेट जर्मनी

बीते 29 महीनों तक यूक्रेन को बारूद से दहलाने के बाद अब पुतिन का मकसद बदलता दिख रहा है. रूसी राष्ट्रपति के लिए जर्मनी अब आंखों की किरकिरी बन रहा है, जो ना सिर्फ यूरोप का एक शक्तिशाली मुल्क है बल्कि NATO का अहम सदस्य है. लेकिन ऐसा लग रहा है कि जर्मनी की यही ताकत अब उसके विनाश की वजह बनने वाली है. ऐसा इसलिए क्योंकि NATO समिट में यूरोप की सुरक्षा को मजबूत करने से जुड़ा एक फैसला हुआ जिसके तहत अमेरिकी हथियार यूरोप में तैनात होने किए जाने थे. इसी कड़ी में US के बॉम्बर-लॉन्ग रेंज मिसाइलें जर्मनी पहुंची हैं. इसके बाद ही, पुतिन ने बर्लिन को नष्ट करने का ऐलान कर दिया है.
ऐसा माना जा रहा है कि यूक्रेन के बाद पुतिन अब यूरोपीय देशों की राजधानियों को दहलाने का प्लान तैयार कर रहे हैं. जिस तरह पुतिन ब्रिगेड ने यूक्रेन का विनाश किया, उससे भी ज्यादा तबाही वो अब जर्मनी में करने की तैयारी में है. पुतिन का यूरोप के कोने-कोने में फैलने की आशंका जतायी जा रही है, और इन आशंकाओं को बल कोई और नहीं बल्कि खुद रूसी मीडिया दे रहा है. दरअसल, रूस के सरकारी चैनल ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि यूक्रेन के बाद प्रेसिडेंट पुतिन का अगला टारगेट यूरोप है. किसी भी वक्त रूस यूरोपीय देशों पर हमला कर सकता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक यूरोपीय देशों की राजधानी रूसी डिफेंस का प्राइम टारगेट है. दावा है कि यूरोप पर मिसाइलों के जरिए रूस हमला करेगा.
पुतिन की चप्पे चप्पे पर नजर
रूसी मीडिया का दावा है कि क्रेमलिन के वॉर रूम में मौजूद पुतिन ने अपने टॉप कंमाडरों के साथ हमले से जुड़ी मीटिंग तक कर ली है. इतना ही नहीं, दावा तो यहां तक किया जा रहा है कि पुतिन यूरोपीय देशों के चप्पे-चप्पे पर नजर बनाएं हुए हैं. कहां सबसे पहले अटैक करना है, किन हथियारों से करना है, ये सारा ब्लूप्रिंट पुतिन ने तैयार कर लिया है.
अब सवाल ये खड़े हो रहे हैं कि अचानक ही पुतिन का फोकस यूरोप पर क्यों शिफ्ट हो गया? आखिर क्यों पुतिन यूरोपीय देशों की कैपिटल्स को दहलाने का प्रण ले चुके हैं? इसकी वजह रूस के खिलाफ NATO का वॉर प्लान माना जा रहा है. दरअसल, NATO समिट में रूस की घेराबंदी के लिए बड़ा ऐलान किया गया और वो था यूरोपीय देशों में अमेरिकी हथियारों की तैनाती. यही मीडिया रिपोर्ट्स में दावा भी किया जा रहा है.
कौन-कौन सी राजधानी पुतिन के टारगेट पर
रूसी मिसाइलों का सबसे पहला अटैक जर्मनी की राजधानी बर्लिन में हो सकता है, जिसकी कैलिनिनग्राद से दूरी करीब 560 किलोमीटर है. ऐसा इसलिए क्योंकि बर्लिन में ही अमेरिकी हथियारों और लॉन्ग रेंज मिसाइलों की खेप पहुंची है. यूरोप में पुतिन ब्रिगेड का दूसरा टारगेट पोलैंड की राजधानी वारसॉ भी होगी. ये रूसी बॉर्डर से महज 278 किलोमीटर दूर है. बता दें कि मौजूदा वक्त में पोलैंड, यूक्रेन के लिए पश्चिमी से मिलने वाले हथियारों का एंट्री प्वाइंट है.
कहां-कहां कर सकते हैं हमले
इसी तरह ब्रिटेन की राजधानी लंदन पर रूस मिसाइलों से हमला कर सकता है. लंदन से कैलिनिनग्राद की दूरी करीब 1511 किलोमीटर है और उसकी वजह ये है कि लंदन के पास मौजूद नेवल बेस में अमेरिकी ट्राइडेंट मिसाइलों की खेप मौजूद है. पुतिन यूरोप के जिन देशों की राजधानी पर मिसाइल हमले की तैयारी कर रहे हैं, असल में वो NATO का भी हिस्सा हैं. इन तमाम यूरोपीय देशों की यूक्रेन जंग में सीधा दखलअंदाजी भी है. इसी बीच अमेरिकी हथियारों के यूरोप पहुंचने का सिलसिला जैसे ही शुरू हुआ है.
ब्यूरो रिपोर्ट TV9

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