खतरे में इजराइल! पूरी दुनिया है जिस बात से अनजान अमेरिका जानता है ईरान का वो प्लान

ईरान-इजराइल के बीच तनाव बरकरार है, दुनिया के तमाम बड़े-बड़े देश इस तनाव को कम करने की कोशिश में जुटे हैं लेकिन ईरान ने दो टूक जवाब दे दिया है कि वो हानिया की मौत का बदला लेकर रहेगा. दरअसल ईरान हमास चीफ की हत्या के लिए इजराइल को जिम्मेदार मानता है और इसके लिए वह इजराइल पर जवाबी हमला करने की तैयारी में है.
हमास चीफ इस्माइल हानिया की मौत 31 जुलाई को तेहरान में हुई थी, वो ईरानी राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे थे. तब से अब तक 16 दिन बाद बीत चुके हैं और ईरान की सेना खामोश है. अब सवाल उठ रहा है कि क्या ईरान डर गया है? या फिर तेहरान के लीडर्स कोई दूसरा प्लान बना रहे हैं.
अमेरिका जानता है ईरान का प्लान!
दरअसल इजराइल पर ईरान के हमले की आशंका को लेकर अमेरिका की ओर से बड़ा बयान सामने आया है. अमेरिका कि ओर से कहा गया है कि ईरान इस बार बिना किसी चेतावनी के हमला कर सकता है. व्हाइट हाउस की ओर से कहा गया है कि आने वाले कुछ दिनों में ही यह अटैक हो सकता है और हमें इसके लिए तैयार रहना होगा. व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा संचार सलाहकार जॉन किर्बी ने कहा कि अमेरिका को इस बात का पक्का अंदाजा नहीं है कि ईरान किस तरह का हमला कर सकता है, यही वजह है कि उसने स्थिति को कम करने के लिए कूटनीतिक दबाव बनाने का काम किया है.
हमले को लेकर अमेरिका अलर्ट
व्हाइट हाउस के मुताबिक इस बार यह अंदाज़ा लगाना मुश्किल है कि ईरान कब और कितना बड़ा हमला करेगा, लिहाजा हमने बातचीत के जरिए दबाव बनाने की कोशिश जारी रखी है. हालांकि एहतियात के तौर पर अमेरिका ने लाल सागर में अपने युद्धपोत और पनडुब्बी तैनात कर दी है. इसके अलावा अमेरिका ने अपना सबसे घातक विमान F-22 भी इजराइल की सुरक्षा के लिए उतार दिया है, अमेरिका ने भरोसा दिया है कि अगर ईरान हमला करता है तो वो इजराइल रक्षा करने में मदद करेगा.
इससे पहले अप्रैल में जब ईरान ने इजराइल पर जवाबी कार्रवाई की थी तो अमेरिका समेत कई सहयोगियों ने इस हमले को नाकाम कर दिया था. तब ईरान ने सीरिया में उसके दूतावास के करीब हुए हमले का बदला लेने के लिए करीब 200 से ज्यादा ड्रोन और मिसाइलें दागी थीं. लेकिन इजराइल, अमेरिका, यूके समेत इसके कई सहयोगियों ने इस हमले को नाक़ाम कर दिया था.
तनाव कम करने में जुटा अमेरिका
व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा संचार सलाहकार जॉन किर्बी ने बताया है कि अमेरिका ने ईरान और इजराइल के बीच तनाव को कम करने के लिए तीसरे पक्ष के ज़रिए तेहरान को संदेश भेजे हैं और उन्हें युद्ध के संभावित परिणामों के बारे में आगाह किया गया है. इसके अलावा बीते बुधवार अमेरिका के विशेष दूत अमोस होचस्टीन बेरूत में थे, अमेरिका की कोशिश है कि हिजबुल्लाह और इजराइल के बीच संघर्ष को खत्म किया जा सके.
हालांकि अमेरिका का मानना है कि गाजा में सीज़फायर डील से सभी मोर्चों पर तनाव कम किया जा सकता है. गाजा में युद्ध विराम और बंधकों की रिहाई न केवल ईरान के गुस्से को कम कर सकती है बल्कि हिजबुल्लाह के हमलों को भी रोकने में सहायक होगी.

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