खराब था स्पेस क्राफ्ट फिर भी किया लॉन्च! क्या स्पेस में ही फंसी रहेंगी सुनीता?

भारतीय मूल की वैज्ञानिक सुनीता विलियम अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) पर फंस गई हैं. स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान की वापसी फिलहाल स्थगित कर दी गई है. स्टारलाइनर इस महीने के शुरुआत में ही भारतीय यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को आईएसएस पर ले गया था. NASA के अनुसार पृथ्वी पर दोनों यात्रियों की वापसी 26 जून के लिए तय थी, लेकिन जिस स्पेसक्राफ्ट से उन्हें वापस आना था उसमें परेशानी आ गई है. नासा के वैज्ञानिकों ने कहा कि स्पेसक्राफ्ट से हीलियम लीक होने के कारण थ्रस्टर्स नहीं शुरू हो पा रहे हैं.
अब एक हैरान कर देने वाली रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें ये दावा किया गया है कि नासा और बोइंग के प्रबंधकों को स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान में इसके लॉन्च से पहले ही रिसाव के बारे में पता था, फिर भी उन्होंने मिशन को आगे बढ़ाया. इसी के कारण सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर आईएसएस पर फंस गए हैं.
पहले भी लॉन्च हुआ था स्थगित
अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स के इस लॉन्च को पहले ही एक रिसाव के कारण स्थगित कर दिया गया था. स्टारलाइनर जब अपनी तय कक्ष में पहुंच गया था, तो यान में चार अतिरिक्त हीलियम रिसाव हुए थे, जिससे एक थ्रस्टर ने अपना काम करना बंद कर दिया था. नासा की टीम के एक अधिकारी ने बताया कि समस्याओं के बावजूद, अंतरिक्ष यान आईएसएस से जुड़ा है और कक्षा में अच्छा प्रदर्शन कर रहा है. हालांकि, अंतरिक्ष यान अभी भी ISS पर डॉक किया हुआ है, और अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षित वापसी अभी भी सवालों के घेरे में है.
कब वापस आएंगे?
इसे लेकर नासा के पास कोई जवाब नहीं है. आइए जानते हैं कि ऐसे कौन से विकल्प हैं जिनसे ये यात्री वापस आ सकते हैं. पहला विकल्प है कि नासा SpaceX के ड्रैगन-2 कैप्सूल को अंतरिक्ष में भेजे. इस कैप्सूल में चार यात्री बैठ सकते हैं. यानी दो इंजीनियर इस पर बैठ कर जाए और समय रहते समस्या का समाधान कर लें.
दूसरा विकल्प ये है कि अमेरिका रूस से मदद मांगे. क्योंकि रूस अपना सोयुज स्पेसक्राफ्ट स्पेस स्टेशन भेजकर दोनों यात्री को बचा सकता है. एक सोयुज कैप्सूल हमेशा स्पेस स्टेशन पर इमरजेंसी के लिए तैनात रहता है. तीसरा विकल्प चीन है. क्योंकि चीन अपने शेनझोउ स्पेसक्राफ्ट को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन भेजकर वहां से इन दोनों यात्री को वापस धरती पर ला सकता है. चौथा विकल्प है इंगलैंड और यूरोपीय स्पेस एजेंसी है, लेकिन यूक्रेन और रूस के युद्ध की वजह से यूरोपीय देशों की हालत अभी थोड़ा खराब है.

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