खांसी, जुकाम, बुखार और सांस की बीमारियों से बचाती है ये एक वैक्सीन, जानें कब लगवाएं

अक्टूबर का महीना और अस्पतालों में बुखार, खांसी, जुकाम और सांस की बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. ये वो बीमारियां है जो इन्फ्लूएंजा वायरस से होती हैं और कभी न कभी हर किसी को परेशान जरूर करती है. आप सोचते होंगे की ये तो आम समस्याएं है और हर साल होती ही है, लेकिन कुछ मामलों में ये समस्याएं ही गंभीर रूप ले लेती हैं और मरीज को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत तक पड़ जाती है. ऐसे में इनसे बचाव जरूरी है. बचाव भी बहुत आसान है. बस इसके लिए आपको फ्लू की वैक्सीन लगवानी होगी. ये दशकों से भारत में मौजूद है, लेकिन इसकी जानकारी लोगों को कम ही होती है.
फ्लू की वैक्सीन क्या होती है कैसे बचाव करती है क्या फायदा है और किसको जरूर लगवानी चाहिए. यह जानने के लिए हमने एक्सपर्ट्स से बातचीत की है.
क्या होती है फ्लू की वैक्सीन
दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग में प्रोफेसर डॉ जुगल किशोर बताते हैं कि इस साल सीजनल फ्लू का खतरा बढ़ रहा है. फ्लू की बीमारी इन्फ्लूएंजा वायरस से होती है. यह वायरस एक से दूसरे व्यक्ति में जाता है और बुखार, खांसी, जुकाम, और सांस की परेशानी का कारण बनता है. अस्पतालों में इन परेशानियों के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. लेकिन इन बीमारियों से आसानी से बचाव हो सकता है. इन्फ्लूएंजा ( फ्लू) से बचाव के लिए आप फ्लू की वैक्सीन लगवा सकते हैं. इस वैक्सीन के काफी फायदे होते हैं. इस वैक्सीन को लगवाने के बाद इन्फ्लूएंजा से होने वाली समस्या जैसी खांसी, जुकाम और सांस की परेशानी से राहत मिलती है. इन बीमारियों से अस्पताल में भर्ती होने की आशंका कम हो जाती है.
डॉ किशोर बताते हैं कि फ्लू की वैक्सीन साल में एक बार लगती है. इसको बच्चे, बड़े और बुजुर्ग कोई भी लगवा सकता है. बच्चे को 6 महीने की उम्र पूरी करने के बाद ये टीका लग सकता है. आप अपने डॉक्टर की सलाह लेकर फ्लू का टीका लगवा सकते हैं. इसके कोई गंभीर साइड इफेक्ट्स भी नहीं है. फ्लू वैक्सीन 60 से 70 फीसदी तक इन्फ्लूएंजा से बचाव हो जाता है.
इम्यूनिटी बनने में कितना समय लगता है
डॉ किशोर के मुताबिक, फ्लू की वैक्सीन लगने से शरीर में फ्लू के खिलाफ इम्यूनिटी बन जाती है. हालांकि अगर किसी को फ्लू है और इस वैक्सीन को लगवा रहा है तो ऐसा नहीं है कि वैक्सीन लगने से फ्लू खत्म हो जाएगा. ऐसा इसलिए क्योंकि वैक्सीन बीमारी का इलाज नहीं होती. वह बीमारी से बचाती है. वैक्सीन को बचाव के लगाया जाता है. फ्लू की वैक्सीन मौजूदा बीमारी का इलाज नहीं करती , लेकिन भविष्य में बीमारी होने से बचा लेती है. इस वैक्सीन को लगवाने के बाद शरीर में एंटीबॉडी बनाने में करीब दो सप्ताह तक का समय लगता है. छोटे बच्चों और बुजुर्गों को यह वैक्सीन जरूर लगवा देनी चाहिए.
डॉ किशोर बताते हैं कि फ्लू की वैक्सीन इन्फ्लूएंजा से ही बचाती है. डेंगू से बचाव नहीं करती है. इन बीमारी की वैक्सीन पर काम चल रहा है, लेकिन अभी भारत में डेंगू की कोई वैक्सीन नहीं है. ऐसे में अगर आप फ्लू की वैक्सीन लगवा रहे हैं तो यह न सोचें कि डेंगू से भी बचाव हो जाएगा. फ्लू की वैक्सीन इन्फ्लूएंजा वायरस से बचाती है.
किन अस्पतालों में लगती है फ्लू की वैक्सीन
दिल्ली में जीटीबी अस्पताल में मेडिसिन विभाग में डॉ अजय शुक्ला बताते हैं कि फ्लू की वैक्सीन को फिलहाल राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल नहीं किया गया है तो इसको आप सरकारी अस्पताल में नहीं लगवा सकते. ये वैक्सीन प्राइवेट अस्पतालों में लगती है. इस वैक्सीन की कीमत 2 हजार से तीन हजार के बीच है. हालांकि ये कीमत अस्पताल के हिसाब से कुछ कम या इससे अधिक भी हो सकती है.
इस वैक्सीन को लगवाने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि शरीर में इन्फ्लूएंजा वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बन जाती है. इससे अगर ये वायरस शरीर में जाता भी है तो गंभीर लक्षण नहीं करता है. जिन लोगों को अकसर खांसी. जुकाम, बुखार या सांस संबंधी परेशानी रहती है वह फ्लू की वैक्सीन को लगवा सकते हैं. इससे आपको काफी फायदा होगा.

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