गर्दन में ट्रैकिंग डिवाइस, पैर में बंधा था ढाका लिखा छल्ला… हजारीबाग में कहां से आया ये गिद्ध?

झारखंड में एक गिद्ध चर्चा का विषय बन गया है. राज्य के के हजारीबाग जिले के एक बांध में एक लुप्त हो रही प्रजाति का घायल गिद्ध मिला है. उसके पैर में एक छल्ला बंधा है. इस छल्ले में बांग्लादेश की राजधानी का नाम ढाका लिखा हुआ है. इतना ही नहीं बल्कि उस गिद्ध के पास एक ट्रैकिंग डिवाइस भी मिला है. इसकी सूचना मिलते ही पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया. पुलिस की टीम खुफिया ब्यूरो के अधिकारियों के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की जांच कर रही है.
पुलिस अधिकारी बी.एन. प्रसाद ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि जो गिद्ध मिला है वह लुप्त हो रही प्रजातियों की लिस्ट में आता है. इनकी गर्दन के पिछले हिस्से पर सफेद पंख होते हैं. उन्होंने बताया कि मछुआरों के एक समूह ने सोमवार को कोनार बांध के पानी में घायल गिद्ध देखा. इसके बाद मछुआरों ने वन विभाग और पुलिस अधिकारियों को इसकी सूचना दी. पुलिस ने आगे बताया कि वन अधिकारी जख्मी गिद्ध को इलाज के लिए अपने साथ ले गए हैं. कुछ समय तक उसे अपनी निगरानी में रखेंगे.
ट्रैकिंग डिवाइस के साथ मिला नोट
गिद्ध के पैर बंधे छल्ले पर जीपीओबॉक्स-2624, ढाका, बी67 लिखा हुआ मिला इसके साथ ही एक ट्रैकिंग डिवाइस भी मिला है. गिद्ध के पास से एक नोट भी बरामद हुआ है. इस नोट में लिखा था, अगर यह मिल जाए, तो कृपया जॉन.मालोट@आरएसपीबी.ओआरजी.यूके….. पर संपर्क करें. हालांकि फिलहाल गिद्ध को उपचार के लिए वन विभाग के अधिकारियों ने अपनी निगरानी में रखा हुआ है.
ऐसे पहुंच गया ढाका से झारखंड
इस मामले में पुलिस को संदेह है कि ब्रिटेन के संगठन रॉयल सोसाइटी फॉर प्रोटेक्शन ऑफ बर्ड्स के ढाका स्थित पक्षी शोधकर्ता जॉन मालोट का है. कयास लगाया जा रहा है कि इस पक्षी की गतिविधि की निगरानी करने के लिए उस पर ये डिवाइस और एक सोलर रेडियो कॉलर लगाकर उसे छोड़ा गया होगा. इसके बाद ये ढाका से झारखंड तक पहुंच गया. अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया की इस घटना का बांग्लादेश में रही हिंसा से कोई संबंध नहीं है. इसके साथ उन्होंने बताया कि किसी गड़बड़ी का संदेह नहीं है, लेकिन जांच जारी है.

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