गर्मी की छुट्टी में बच्चों को रखना है फोन से दूर तो करवाएं ये एक्टिविटीज
मई जून के महीने में तापमान इतना बढ़ जाता है कि लोग गर्मी से बेहाल हो जाते हैं. इसी वजह से बच्चों को घर से बाहर खेलने के लिए ज्यादा नहीं भेजा जाता है. यही वजह है कि आजकल बच्चे अपना अधिक समय मोबाइल फोन या टीवी स्क्रीन पर बिताते हैं. आज कल की पेरेंटिंग के लिए बच्चे को स्क्रीन से दूर रखना एक बड़ी चुनौती बन गया है. ये तब ज्यादा मुश्किल हो जाता है जब बच्चों की गर्मी की छुट्टियां शुरू हो जाती हैं ऐसे में बच्चों को स्क्रीन से दूर रखना बेहद जरूरी हो जाता है क्योंकि इससे बच्चे के दिमाग को ब्रेक मिलता है और इससे बच्चे को परिवार से जुड़ने का मौका मिलता है.
अब जब गर्मी की छुट्टियां शुरू हो रही हैं. ऐसे में बच्चे 24 घंटे घर पर रहते हैं तो उनके पास टीवी और मोबाइल के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता. हालांकि इससे बच्चों का स्क्रीन टाइम बहुत बढ़ जाता जो बच्चों के लिए ठीक नही हैं. अगर आप अपने बच्चों को टीवी और मोबाइल से दूर रखना चाहते हैं तो उन्हें कई दूसरे काम में व्यस्त रख सकते हैं. आज हम आपको कुछ ऐसी ही एक्टिविटीज के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें आप बच्चों के साथ कर सकते हैं. इनसे आपका बच्चा एक्टिव भी रहेगा और स्क्रीन से दूर भी रहेगा.
गर्मी की छुट्टी में बच्चों को कैसे रखें व्यस्त
बच्चे को तैरना सिखाएं
आजकल के समय में ज्यादातर महानगरों की हर सोसायटी में स्विमिंग पूल बने हैं. अगर आपकी सोसायटी में स्विमिंग पूल नहीं है तो किसी स्विमिंग सिखाने वाले क्लास में उसका एडमिशन करवा सकते हैं. ऐसे में आप चाहें तो अपने बच्चे को खुद भी तैरना सिखा सकते हैं या फिर वो स्विमिंग की क्लास में भी सीख सकता है. स्विमिंग एक अच्छी एक्सरसाइज भी है इसकी वजह से बच्चों की लंबाई भी बढ़ती है और उनकी फिजिकल स्ट्रेंथ भी बढ़ती है.
संगीत सिखाएं
आजकल के बच्चों को तरह तरह के संगीत सुनना और उससे धुन बनाना बेहद पसंद होता है. क्योंकि फोन और टीवी में कार्टून देखते समय वो कई एनीमेशन को ऐसा करते देखते हैं. इससे उनके मन में भी आता है कि वो भी कुछ नया सीखें. ऐसे में बच्चे को किसी भी म्यूजिक क्लास में भेज सकते हैं. म्यूजिक क्लास में बच्चा अपने पसंद के यंत्र बजाना सीख सकता है.
खुद को भी रखें फोन से दूर
हमें खुद कोशिश करनी चाहिए कि हम भी फोन और टीवी के साथ कम समय बिताएं क्योंकि आज कल के बच्चे जो देखते हैं वही सीखते हैं. हमे कुछ समय निकाल कर बच्चों के साथ बैठना चाहिए. उनसे बात करनी चाहिए. इसी बीच हमे बच्चों को परिवार के सभी लोगों के बारे में बताना चाहिए साथ खुद की स्कूल लाइफ भी हमे बच्चों से शेयर करनी चाहिए. हमें कोशिश करनी चाहिए कि इसी के साथ हम बच्चों को अच्छे और बुरे के बारे में भी बताएं.