गर्मी के मौसम में हो रही है थकावट? कहीं आप भी तो हीट एग्ज़ॉस्शन का नहीं हैं शिकार
देश के कई हिस्से इस समय भीषण गर्मी की मार झेल रहे हैं. कुछ इलाकों में तापमान 45 डिग्री के पार चला गया है. गर्मी के कारण लोगों को कई परेशानियां हो रही हैं. इस तेज गर्मी में हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा गर्मी के कारण लोग थकावट भी महसूस कर रहे हैं. इस परेशानी को हीट एग्ज़ॉस्शन कहा जाता है. डॉक्टरों का कहना है कि अस्पतालों में बीते कुछ दिनों से इस समस्या के मरीजों की संख्या 30 फीसदी तक बढ़ चुकी है.
अस्पतालों में क्रैम्प्स पड़ने, पेट में दर्द, कमजोरी, उल्टी और दस्त जैसी परेशानियों के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. ये सभी लक्षण हीट एग्ज़ॉस्शन के होते हैं. जो लोग मोटापा, किसी गंभीर के मरीज हैं और जिनके शरीर में पानी की कमी हो जाती है वह हीट एग्ज़ॉस्शन का शिकार हो जाते हैं. इस वजह से मरीजों में घबराहट, अत्यधिक कमजोरी, बेहोशी, सिरदर्द, पेट में मरोड़, मितली, उलटी, दस्त जैसी परेशानियां होने लगती हैं. अगर आपको भी ऐसे लक्षण दिख रहे हैं तो डॉक्टरों से सलाह लेनी चाहिए.
हीट स्ट्रोक का भी खतरा
दिल्ली के जीबी पंत अस्पताल में डॉ रेणु सहरावतबताती हैं कि गर्मी के इस मौसम में हीट स्ट्रोक के केस बढ़ जाते हैं. ये एक खतरनाक बीमारी है जो मौत का कारण तक बन सकती है. हीट स्ट्रोक तब होता है जब शरीर का तापमान 105°F (40.6°C) तक बढ़ जाता है.
हीट स्ट्रोक अक्सर तब होता है जब गर्मी के अन्य रोग जैसे कि क्रैम्प्स और हीट एग्ज़ॉस्शन बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच जाते हैं. आमतौर पर
ज्यादा देर तक गर्मी में रहने से हीट स्ट्रोक हो सकता है.
इन बातों का रखें ध्यान
डॉ रेणु के मुताबिक, जैसे ही किसी के शरीर का तापमान बढ़ने लगे और इसके साथ ही चक्कर या सिरदर्द होने लगे तो व्यक्ति को अस्पताल जाना चाहिए. इसके अलावा अगर किसी को हीट क्रैम्प्स और हीट एग्ज़ॉस्शन है तो इसे भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
हीट एग्ज़ॉस्शन से बचाव कैसे करें
नोएडा के फोर्टिस हॉस्पिटल में डायरेक्टर डॉ. अजय अग्रवाल बताते हैं कि हीट एग्ज़ॉस्शन से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए (करीब 2 से 3 लीटर प्रतिदिन) बाहर जाएं तो सूती कपड़े पहनें. बाहर से घर आने पर सीधा आकर पंखे, एसी या कूलर में न बैठे और पहले अपने शरीर के तापमान को नॉर्मल करें.
बच्चों और बुजुर्गों को घरों से बाहर नहीं निकलने दें क्योंकि सूरज की तेज किरणों की वजह से उनको डिहाइड्रेशन हो सकता है. जिससे हीट स्ट्रोक का खतरा रहता है.
दोपहर 12 से 4 के बीच में बाहर जाने से बचें क्योंकि यह दिन का सबसे गर्म समय होता है.