गांधी जी ने कभी नहीं कहा कि सरकारों को शराबबंदी लागू करनी चाहिए: प्रशांत किशोर
जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने बिहार में शराबबंदी को लेकर राज्य सरकार और आरजेडी दोनों पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि बिहार और भारत ही नहीं पूरी दुनिया में कहीं ऐसा प्रमाण मिला हो तो बताएं कि शराबबंदी से उस जगह का आर्थिक और सामाजिक विकास हुआ है. अगर ऐसा होता तो आज जितने भी समृद्ध देश हैं, वहां शराबबंदी होती.
प्रशांत किशोर ने कहा कि लोग कहते हैं कि गांधी जी चाहते थे कि शराबबंदी हो. मैं इस बात को खारिज करता हूं. गांधी जी के नाम पर शराबबंदी गलत बात है. गांधी जी ने यह नहीं कहा कि सरकार को शराबबंदी करनी चाहिए. उन्होंने यह कहा कि लोगों को शराब नहीं पीनी चाहिए.
‘शराबबंदी से सबसे ज्यादा त्रस्त महिलाएं’
जन सुराज के सूत्रधार ने कहा कि गांधी जी ने यह कभी नहीं कहा कि सरकार शराबबंदी के लिए कानून बनाए. आज शराबबंदी के कारण बिहार की जनता को 20 हजार करोड़ का सालाना नुकसान हो रहा है. शराबबंदी से सबसे ज्यादा त्रस्त भी महिला ही हैं.
‘इसके लिए सबसे ज्यादा दोषी दो बड़े दल’
प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार ऐसा कर पा रहे हैं तो इसके लिए सबसे ज्यादा दोषी दो बड़े दल हैं, जिसका नाम है RJD और BJP है. अगर सात बार नीतीश कुमार ने पलटी मारी है तो तीन बार आरजेडी भी दोषी है. तीन बार भाजपा भी दोषी है. ये पहली बार नहीं है जब प्रशांत किशोर ने शराबबंदी पर सवाल खड़े किए हों.
इससे पहले उन्होंने कहा था कि महात्मा गांधी कभी भी शराबबंदी के पक्षधर नहीं रहे. जहां तक मैं जानता हूं, उन्होंने कभी भी शराबबंदी का समर्थन नहीं किया. शराबबंदी करके कोई फायदा नहीं है. मैं हर दिन खुले मंच से कहता हूं कि शराबबंदी हटाई जाए. पहले दिन से कह रहा हूं कि ये बिहार के लिए कभी फायदेमंद नहीं है. इसका सिर्फ नुकसान है.