गाजा के अत्याचार को दिखाने का मिलेगा ‘इनाम’! नोबेल प्राइज से नवाजे जाएंगे 4 पत्रकार?

गाजा जंग की भयानक परिस्थितियों में भी अपने जर्नलिज्म से दुनिया को इजराइल सेना की कार्रवाई और गाजा नागरिकों की दयनीय स्थिति दिखाने वाले गाजा के 4 जर्नलिस्ट्स इस बार नोबेल प्राइज के लिए नॉमिनेट किए गए गए हैं. इस साल नोबेल प्राइज विजेताओं का ऐलान 10 अक्टूबर को किया जाएगा. नोबेल प्राइज एक प्रतिष्ठित पुरस्कार है जो छह अलग-अलग क्षेत्रों में दिया जाता है. ये उन लोगों को दिया जाता है जिन्होंने पिछले साल मानव जाति को सबसे ज्यादा लाभ पहुंचाया होता है.
गाजा से फोटो जर्नलिस्ट मोताज़ अज़ाइज़ा, टीवी रिपोर्टर हिंद खौदरी, पत्रकार और कार्यकर्ता बिसन ओवदा और सीनियर रिपोर्टर वाल अल-दहदौह को हमास इजराइल के बीच चल रहे संघर्ष को कवर के लिए नोबेल प्राइज के लिए नॉमिनेट किया गया है.
फोटो पत्रकार मोताज़ अज़ाइज़ा, टीवी रिपोर्टर हिंद ख़ुदरी, पत्रकार और कार्यकर्ता बिसन ओवदा और वरिष्ठ रिपोर्टर वाएल अल-दहदौह
“मुझे शुभकामनाएं दें”
सोशल मीडिया पर अज़ाइज़ा ने पोस्ट किया, ‘गाजा में अत्याचारों को दुनिया को दिखाने के लिए मुझे 2024 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किया गया है. मुझे शुभकामनाएं दें और मुझे उम्मीद है कि मेरे लोगों को अब शांति मिलेगी. फ्री फिलिस्तीन.”

I have been nominated for 2024 Nobel Peace prize “for giving the world an insight into the atrocities in gaza.”
wish me luck and i hope my people to get Peace NOW.
Free Palestine
— MoTaz (@azaizamotaz9) August 23, 2024

जंग से पहले, अज़ाइज़ा के पोस्टों में गाजा की रोजमर्रा की जिंदगी और सुंदरता दिखाई देती थी, लेकिन जंग शुरू होने के बाद उन्होंने युद्ध को कवर करना शुरू करा और इसी से उनको दुनिया भर में पहचान मिली.
“नोबेल प्राइज से क्या जब मेरे लोग मर रहे हैं”
टीवी रिपोर्टर हिंद खौदरी ने अपनी इंस्टा स्टोरी में लिखा कि ऐसे नोबेल प्राइज का क्या जब मेरे लोग मारे जा रहे हैं. उन्होंने लिखा, “इसका क्या फायदा हुआ जब मैंने 300 दिन तक पोस्ट किया कि लोग मर रहे हैं और कुछ नहीं बदला? मुझे इस प्राइज से कोई खुशी या गम नहीं है.”
नोबेल अवार्ड 2024
नॉर्वेजियन नोबेल कमेटी ने 2024 के नोबेल पीस प्राइज के लिए 285 नॉमिनेशन किए हैं, जिनमें 196 व्यक्ति और 89 संगठन शामिल हैं. इस साल के नॉमिनेशन में शांति कैटागरी के लिए खास लोगों को चुना गया है, जिसमें गाजा और यूक्रेन सहित दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में चल रहे संघर्ष से जुड़े लोग शामिल हैं.

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