गाजा से 4 बंधकों को वापस लाने वाले अर्नोन जमोरा कौन हैं?

इजराइल सेना के खतरनाक रेस्क्यू मिशन अरनोन की चर्चा हर जगह हो रही है. हमास की कैद से 4 बंधकों को छुड़ाने के लिए चलाए गए इस ऑपरेशन का नाम “सीड्स ऑफ़ समर” रखा गया था जिसको बाद में बदलकर ऑपरेशन अर्नोन कर दिया गया. दरअसल अर्नोन जमोरा IDF (Israel Defense Forces) के एक कमांडर का नाम है. अर्नोन जमोरा ही सेंट्रल गाजा में इस जोखिम भरे ऑपरेशन की अगुवाई कर रहे थे.
इजराइल के विदेश मंत्रालय ने शनिवार को एक्स पर पोस्ट शेयर कर कहा, “हर बचाव अभियान के पीछे इजराइली पुरुष और महिलाएं हैं जो अपनी जान जोखिम में डालते हैं. हमें यह बताते हुए बहुत दुख हो रहा है कि यमम (National Police Counter-Terrorism Unit) के कमांडर और ऑपरेशन चीफ इंस्पेक्टर अर्नोन ज़मोरा ने बंधकों को बचाने के अभियान में गंभीर रूप से घायल होने के बाद दम तोड़ दिया है.” विदेश मंत्रालय ने अरनोन को एक सच्चा हीरो बताया है.
कौन हैं अरनोन जमोरा?
हारेत्ज़ के मुताबिक, 36 साल के अरनोन जो इज़राइली शहर स्देरोट के पास स्दे डेविड गांव के रहने वाले थे. उनके परिवार में पत्नी मीकल, दो बच्चे और माता-पिता रूवेन और रूथी हैं. पिछले साल 7 अक्टूबर को जब वह याद मोर्दकै की लड़ाई में लड़ रहे थे, तो उन्होंने कई हमास आतंकवादियों को देश में घुसने से सफलतापूर्वक रोका था. टाइम्स ऑफ़ इज़राइल की रिपोर्ट के मुताबिक वह बाद में नाहल ओज़ बेस और बेरी की लड़ाई में भी शामिल थे.
रक्षा मंत्री ने दी शहादत को सलामी
इजराइली रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने एक्स पर ज़मोरा को याद करते हुए लिखा, “मैं यमम यूनिट के कमांडर चीफ इंस्पेक्टर अर्नोन ज़मोरा को सलाम करता हूं, जो गाजा में हमास द्वारा बंधक बनाए गए 4 बंधकों को बचाने के लिए एक हिम्मत वाले ऑपरेशन का नेतृत्व करते हुए शहीद हो गए. उन्होंने एक नायक की तरह जीवन जिया और शहीद हुए. मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और सैनिकों के साथ हैं. उनकी स्मृति आशीर्वाद बनी रहे.” चार बंधकों को रिहा कराने वाले इस ऑपरेशन का नाम भी बाद में चीफ इंस्पेक्टर के नाम पर ‘ऑपरेशन अर्नोन’ रखा गया है.

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