गाजा हमले के विरोध में ब्राजील का एक्शन, इजराइल से अपने राजदूत को बुलाया वापस

गाजा में युद्ध को लेकर इजराइल से महीनों तक चले तनाव के बाद ब्राजील ने बुधवार को अपने राजदूत को वापस बुला लिया. ब्राजील के राष्ट्रपति लूला ने गाजा युद्ध के चलते यह फैसला किया है. बता दें कि लूला गाजा हमले की आलोचना करते रहे हैं. इस कदम की घोषणा ब्राज़ील के आधिकारिक राजपत्र में की गई थी. वहीं इजराइल के विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस मामले पर ब्राजील सरकार से अभी तक कोई आधिकारिक मैसेज नहीं मिला है. हालांकि, मीडिया रिपोर्टों के बाद, ब्राज़ीलियाई प्रभारी डी’एफ़ेयर को आज एक बैठक के लिए मंत्रालय में उपस्थित होने के लिए बुलाया गया है.
ब्राज़ील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा गाजा में इज़राइल के हमले की लगातार आलोचना करते रहे हैं, जिसकी तुलना उन्होंने इस साल की शुरुआत में हुए नरसंहार से की है. इसके चलते इजराइल के विदेश मंत्री इजराइल काट्ज को ब्राजील के राजदूत फ्रेडरिको मेयर को सार्वजनिक फटकार के लिए यरूशलेम के राष्ट्रीय होलोकॉस्ट संग्रहालय में बुलाना पड़ा.
मेयर के अपमान का जवाब
हालांकि, बुधवार की कार्रवाई एक राजनयिक विरोध है. इजराइल में ब्राजीलियाई दूतावास अभी भी मौजूद है लेकिन पद पर कोई राजदूत नहीं है. ब्राजील के विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, बुधवार का निष्कासन इजराइल के शीर्ष राजनयिक द्वारा मेयर के अपमान के जवाब में हुआ है.
ब्राजील के विदेश मंत्रालय ने कहा कि इजराइल में ब्राजील के नए राजदूत की किसी भी नियुक्ति की घोषणा उचित समय पर एक प्रेस विज्ञप्ति में की जाएगी. फिलहाल, तेल अवीव में ब्राजीलियाई दूतावास प्रभारी डी’एफ़ेयर के नेतृत्व में काम कर रहा है.
इजराइल समर्थक ग्रुप
मेयर को जिनेवा स्थानांतरित कर दिया गया है और वह संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों में ब्राजील के स्थायी मिशन में शामिल होंगे. देश में एक इजराइल समर्थक समूह, ब्राजील के इजराइली कॉन्फेडरेशन ने सोशल मीडिया पर कहा कि उसे इस कदम पर खेद है.
इसमें कहा गया है कि ब्राजील सरकार का एकतरफा निर्णय हमें बातचीत की ब्राजीलियाई कूटनीतिक परंपरा से दूर ले जाता है. साथ ही ब्राजील को मध्य पूर्व में मध्यस्थ और नायक के रूप में अपनी भूमिका निभाने से रोकता है.
गाजा में आठ महीने में युद्ध जारी
बता दें कि गाजा में आठ महीने में युद्ध जारी है. यह तब शुरू हुआ था जब फिलिस्तीनी आतंकवादी हमास समूह ने 7 अक्टूबर को एक हमले में दक्षिणी इज़राइल में घुसकर लगभग 1,200 नागरिकों को मार डाला और लगभग 250 को बंधक बना लिया. गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, उस हमले के जवाब में इज़राइल के हमले में कम से कम 36,096 फिलिस्तीनी मारे गए हैं. इपराइल का कहना है कि उसने 15,000 चरमपंथियों को मार गिराया है.
फरवरी में, ब्राज़ील के राष्ट्रपति लूला ने कहा था कि गाजा पट्टी और फिलिस्तीनी लोगों के साथ जो हो रहा है, वह इतिहास में नहीं देखा गया है. दरअसल, ऐसा तब हुआ जब हिटलर ने यहूदियों को मारने का फैसला किया.
राजनयिक कदम की निंदा
ब्राजील के विदेश मंत्रालय ने इस हफ्ते आयरलैंड, नॉर्वे और स्पेन द्वारा फिलिस्तीनी राज्य की औपचारिक मान्यता का स्वागत किया था. ब्राजील ने 2010 में फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता दी थी. मंगलवार को तीन पश्चिमी यूरोपीय देशों के समन्वित प्रयास ने इजराइल पर अंतर्राष्ट्रीय दबाव बढ़ा दिया, जिसने राजनयिक कदम की निंदा की.
इजराइल के साथ राजनयिक संबंध तोड़ा
बता दें कि इस महीने की शुरुआत में कोलंबिया ने इजराइल के साथ राजनयिक संबंध तोड़ दिए थे. कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने पहले इज़राइल से हथियारों की खरीद को रद्द कर दिया था और गाजा में इज़राइल की कार्रवाई की तुलना नाज़ी जर्मनी से की थी. इसके अलावा इस क्षेत्र में, बोलीविया और बेलीज़ ने भी इज़राइल के साथ राजनयिक संबंध तोड़ दिए हैं.

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