गेहूं को रहने दीजिए…सेहत के लिए वरदान है इस अनाज का आटा

पहले के समय में लोग ज्वार, बाजरा, मकई, रागी जैसे अलग-अलग अनाजों की रोटी खाया करते थे, जो कई न्यूट्रिशन से भरपूर रहती हैं और सेहत को दुरुस्त रखने में हेल्पफुल हैं, लेकिन मॉर्डन लाइफस्टाइल में गांव हो या फिर शहर भारतीय घरों में अमूमन आज के वक्त में गेहूं की रोटी ही खाई जाती है. फिलहाल अगर आप कई तरह के अनाज की रोटी नहीं खा सकते हैं तो राजगीरा के आटा को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं. इसकी रोटी के साथ ही लड्डू, हलवा, चिक्की जैसी कई डिशेस बनाई जा सकती हैं.
राजगीर एक ऐसा अनाज है जो प्रोटीन, आयरन कैल्शियम, मैंगनीज, फाइबर, फास्फोरस, के अलावा विटामिन ए, विटामिन बी, सी और अन्य एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर है, इसलिए यह आपको कई हेल्थ प्रॉब्लम से बचा सकता है. फिलहाल जान लेते हैं राजगिरा के आटे को डाइट में शामिल करने के फायदे.
ग्लूकोज लेवल को रहेगा कंट्रोल
राजगिरा का आटा डायबिटिक लोगों के लिए फायदेमंद रहता है, ये शरीर में ग्लूकोज लेवल को मैनेज करने में हेल्प करता है, इसलिए इस आटे की बनी रोटियां खाने से डायबिटीज वालों का ब्लड शुगर लेवल स्पाइक होने की संभावना कम रहती है.
हड्डियां बनती हैं मजबूत
राजगिरा में कैल्शियम के अलावा हड्डियों को मजबूत बनाए रखने वाले अन्य मिनरल भी पाए जाते हैं, इसलिए इसके आटे की बनी रोटियां या फिर लड्डू हड्डियों, दांतों, नाखूनों आदि के लिए फायदेमंद हैं.
वजन कंट्रोल करने में हेल्पफुल
जो लोग अपने वजन को कम करने की कोशिश कर रहे हैं वह गेहूं के आटे की बजाय राजगिरा के आटे की रोटियां डाइट में शामिल कर सकते हैं, क्योंकि इसमें फाइबर के साथ ही प्रोटीन भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है. इस आटे की बनी रोटियां खाने से पेट लंबे समय तक भरा हुआ महसूस होता है और मसल्स भी मजबूत रहती हैं.
इन लोगों के लिए है बेहद फायदेमंद
राजगिरा का आटा उन लोगों के लिए बेहद फायदेमंद है जिन्हें ग्लूटेन से एलर्जी रहती है. दरअसल जिन लोगों को ग्लूटेन से समस्या रहती है, उन्हें गेहूं की रोटी खाने के बाद पेट में दर्द, ब्लोटिंग की दिक्कत हो सकती है. वहीं राजगिरा ग्लूटेन फ्री अनाज है.
इम्यूनिटी भी होगी मजबूत
राजगिरा का आटा मिनरल्स के साथ ही कई विटामिन से भी भरपूर होता है, इसलिए ये रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है. इसके अलावा इस आटे के सेवन से फ्री रेडिकल्स से भी बचाव होता है, इसलिए आप कई बीमारियों की चपेट में आने से भी बचे रहते हैं.

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