ग्लोबल साउथ की बुलंद आवाज बन रहा भारत, हम जो कहते हैं वो दुनिया सुनती है… US में बोले मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार की रात न्यूयॉर्क के नासाऊ कोलिजियम में प्रवासी भारतीयों को संबोधित किए. पीएम ने कहा कि आज भारत ग्लोबल साउथ की बुलंद आवाज बन रहा है. हम जो कहते हैं उसे दुनिया सुनती है. हम विश्व पर दबदबा नहीं चाहते हैं, हम विश्व की समृद्धि में अपना सहयोग बढ़ाना चाहते हैं. भारत की प्राथमिकता दुनिया में अपना दबाव बढ़ाने की नहीं, अपना प्रभाव बढ़ाने की है. हम सूरज की तरह रौशनी देने वाले हैं.
पीएम ने आगे कहा कि आने वाले समय में ग्लोबल पीस, ग्लोबल स्किल गैप को दूर करने में, ग्लोबल इनोवेशन को नई दिशा देने में, ग्लोबल सप्लाई चेन में भारत की भूमिका अहम होगी. पहले भारत सबसे समान दूरी की नीति पर चलता था. अब भारत सबसे समान नजदीकी की नीति पर चल रहा है. आपने देखा होगा भारत की पहल पर जी 20 समिट में अफ्रीकन यूनियन को स्थाई सदस्यता मिली. आज भारत ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर कुछ कहता है तो दुनिया सुनती है. भारत ग्लोबल साउथ की बुलंद आवाज बन रहा है.
पीएम बोले- देश में हर सप्ताह बन रही एक यूनिवर्सिटी
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि पिछले 10 साल में भारत में हर सप्ताह एक यूनिवर्सिटी बनी है. हर दिन दो नए कॉलेज बने हैं. हर दिन एक नई आईटीआई की स्थापना हुई है. 10 साल में मेडिकल कॉलेजों की संख्या भी लगभग दोगुनी हो चुकी है. अभी तक दुनिया ने भारत के डिजाइनर का दम देखा, अब दुनिया डिजाइन इन इंडिया का जलवा देखेगी.
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‘हमने ग्रीन ट्रांजेशन का रास्ता चुनाव’
भारत अब रुकने वाला नहीं है, भारत अब थमने वाला नहीं है. भारत चाहता है कि दुनिया में ज्यादा से ज्यादा डिवाइस मेड इन इंडिया चिप पर चले. हमने ग्रीन ट्रांजेशन का रास्ता चुना है. प्रकृति प्रेम के संस्कारों ने हमें गाइड किया है. इसलिए हम सोलर, ग्रीन हाइड्रोजन, न्यूक्लियर एनर्जी पर फोकस किया है. भारत के लोग क्वालिटी लाइफ चाहते हैं, भारत के लोगों को सिर्फ रोड नहीं शानदार एक्सप्रेस-वे भी चाहिए. आज भारत के 23 शहरों में मेट्रो है. 140 से ज्यादा शहरों में एयरपोर्ट हैं.
भारत की आवाज को दुनिया सुनती है-PM
मौजूदा समय में जब भारत ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर कुछ कहता है तो दुनिया सुनती है. मैंने जब कहा कि यह युद्ध का युग नहीं है तो उसकी गंभीरता सबने समझी. आज दुनिया में कहीं भी संकट आए तो भारत फर्स्ट रिस्पांडर के रूप में सामने आता है. कोरोना के समय में हमने 150 से अधिक देशों को वैक्सीन और दवाइयां भेजी. कहीं भूकंप आए, साइक्लोन आए या कहीं गृह युद्ध हो, हम मदद के लिए सबसे पहले पहुंचते हैं.