घर खरीदारों के विवाद में सुप्रीम कोर्ट का फैसला, सहारा ग्रुप की कंपनियों पर लगाया 10 लाख का जुर्माना

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को घर खरीदारों के साथ हुए विवाद में एक बड़ा फैसला सुनाया. पिछले फैसलो के आदेश का पालन न करने के लिए कोर्ट ने सहारा ग्रुप की कई कंपनियों और निदेशकों पर बड़ा जुर्माना लगाया है. अदालत ने सहारा की दस कंपनियों पर 10 लाख रूपए का जुर्माना लगाया है. इसके साथ ही शीर्ष 20 निदेशकों पर प्रत्येक 5 लाख का जुर्माना लगाया है. सहारा कंपनी पर इससे पहले भी कई जुर्मानें लग चुके हैं.
पिछले साल सहारा-सेबी विवाद के 24000 करोड़ के फंड पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की याचिका में सुनवाई की थी. इसमें सरकार ने कहा था कि सहारा-सेबी के 24000 करोड़ के कुल फंड में से 5000 करोड़ का आवंटन तुरंत किया जाए ताकि सरकार निवेशकों को उनका पैसा लौटा सकें. हालांकि सरकार की याचिका मंजूर होने के बाद करीब 1.1 करोड़ निवेशकों को उनका पैसा मिलने का रास्ता साफ हो गया था. लेकिन सहारा के लिए लगातार मुसीबतें खड़ी होती जा रही हैं.
संसद मे भी सहारा ग्रुप को लेकर हुए सवाल
हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोक सभा में भी सहारा ग्रुप को लेकर कई सवालों का जवाब दिया था. वित्त मंत्री ने कहा था कि गंभीर धोखाधड़ी अन्वेषण कार्यालय (SFIO) सहारा समूह की कंपनियों से संबंधित मामले की विस्तार से जांच कर रहा है और इसकी रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने ने आगे कहा कि ये सच है कि केवल छोटे निवेशक ही रिफंड का दावा करने के लिए आगे आए हैं.
वित्त मंत्री ने निवेशकों पर उठाए थे सवाल
वित्त मंत्री ने कहा कि एसएफआईओ पूरे मामले की जांच कर रहा है. ये भी देख रहा है कि सभी निवेशक रिफंड का दावा करने के लिए आगे क्यों नहीं आए और वे कहां हैं. एसएफआईओ के विस्तृत विश्लेषण के बाद पूरी तस्वीर साफ हो जाएगी और कार्रवाई की जा सकेगी. उन्होंने कहा कि सहारा समूह की कंपनियों में 3.7 करोड़ निवेशक हैं और अब तक 19,650 लोग रिफंड का दावा करने के लिए किए हैं.

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