‘चाचा 4 को पलटी मारेंगे’, तेजस्वी का वो बयान और नीतीश का 2 दिन पहले दिल्ली से पटना लौटना, क्या कुछ होने वाला है?
नीतीश कब क्या करेंगे इसकी अनिश्चितता तो बनी ही रहती है. इसलिए नीतीश बिहार की राजनीति में पिछले 18 साल से प्रासंगिक बने हुए हैं. लेकिन कई बार इधर उधर करने की वजहों से नीतीश की विश्वसनियता पर बड़ा सवाल उठ खड़ा हुआ है. यही वजह है कि तेजस्वी ने जब से कहा है कि चाचा नीतीश 4 जून के बाद पलटी मारने वाले हैं तबसे बिहार का सियासी पारा एक बार फिर से गरम हो उठा है. नीतीश दिल्ली पहुंच गए हैं और पीएम मोदी से मिलने के बाद गृहमंत्री अमित शाह से भी मिलने वाले हैं. लेकिन पांच जून की बजाय 3 जून को ही उनके लौटने का कार्यक्रम तय हो जाना नीतीश के करीबियों को भी हैरान कर रहा है. यही वजह है कि फिर से नीतीश कुमार को लेकर कयासों का बाजार गरम हो गया है.
नीतीश आज ही शाम को क्यों लौट रहे हैं पटना?
नीतीश कुमार को नजदीक से जानने वाले ये बेहतर समझते हैं कि नीतीश जब दिल्ली से जल्दी पटना लौटते हैं तो खीझ बड़ी वजह होती है. महागठबंधन में भी जब थे तो मनमाफिक काम नहीं होने पर वो मीटिंग के बीच ही पटना के लिए अपने प्लेन पर सवार हो जाया करते थे. ऐसा नीतीश महागठबंधन की बेंगलुरू से लेकर मुंबई तक की बैठक में कर चुके हैं. जाहिर है इस बार आज शाम को ही लौट जाना उनके नजदीकियों के लिए भी हैरतअंगेज बना हुआ है.
वैसे पिछले एनडीए की सरकार में भी नीतीश शपथ ग्रहण समारोह को छोड़कर पटना लौट गए थे. दरअसल साल 2019 में नीतीश अनुपातिक आधार पर केन्द्र सरकार में हिस्सेदारी के पक्ष में थे. इसलिए दो केन्द्रीय और एक राज्यमंत्री की मांग को लेकर अड़े हुए थे. लेकिन केन्द्र सरकार सांकेतिक हिस्सेदारी को लेकर तैयार थी. इसलिए जेडीयू के केन्द्र में एक मंत्रालय ऑफर होते ही नीतीश कुमार इस कदर विफर गए थे कि उन्होंने शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार कर पटना का रुख कर दिया था.
नीतीश फिर नाराज हैं या दिमाग में कुछ और चल रहा?
नीतीश कुमार परिणाम से पहले दिल्ली पहुंचकर अपनी पार्टी की एनडीए के प्रति समर्थन को दर्शाना उनका मकसद था. लेकिन केन्द्र में हिस्सेदारी ज्यादा मिले इसलिए भी परिणाम से पहले बीजेपी के बड़े नेताओं से मिलकर वो इशारा कर देना चाह रहे थे. जानकारी के मुताबिक नीतीश कुमार 4 जून को परिणाम देखकर पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलकर पटना लौटने वाले थे. लेकिन अचानक से 3 जून को शाम छह बजे की फ्लाइट से पटना लौटने की योजना बना लेना सबकुछ ठीक नहीं होने की ओर इशारा कर रहा है.नीतीश के करीबी बताते हैं कि एनडीए से बाहर निकलने की बात में अभी ज्यादा दम नहीं है लेकिन तय समय से पहले पटना लौटने का मतलब है कि जिस मकसद से नीतीश दिल्ली आए थे वो पूरा नहीं हो पा रहा है. इसलिए खीझ निकालते हुए नीतीश वापस लौट रहे हैं.
नीतीश कुमार को करीब से जानने वाले मानते हैं कि नीतीश कुमार का स्वभाव पिनकने का रहा है. इसलिए वो दिल्ली में दो दिन रहकर स्वास्थ्य लाभ लेना चाह रहे थे. एम्स से लेकर कुछ अन्य जगहों पर जाकर स्वास्थ्य को लेकर डॉक्टरों से संपर्क भी साधने की योजना थी. लेकिन नीतीश ने सबकुछ कैंसिल कर शाम छह बजे पटना कूच करने का फैसला कर लिया है.
नीतीश का अगल कदम क्या हो सकता है?
नीतीश कुमार का अगला कदम क्या होगा इसको लेकर कयासों का बाजार गरम है. लेकिन ये तय माना जा रहा है कि संजय झा के करीब होने की वजह से नीतीश फिलहाल एनडीए में बने रहेंगे. संजय झा को लेकर भी कहा जा रहा है कि सरकार बनने पर जेडीयू कोटे से उनका मंत्री बनना तय है. लेकिन संजय झा के अलावा बीजेपी किसी और को जेडीयू कोटे से सरकार में शामिल करेगी इसको लेकर अटकलों का बाजार गरम है. माना जा रहा है कि बीजेपी बिहार में नीतीश कुमार से सीएम के पद को छोड़ने को लेकर भी दबाव बना सकती है.
नीतीश का रवैया बिहार में एक बार कर सकता है हैरान?
नीतीश कुमार के हाल के रवैये और स्वास्थ्य को देखकर कहा जा रहा है कि नीतीश के खिलाफ एंटी इनकम्बेंसी हटाने के लिए नीतीश को हटने को लेकर बीजेपी दबाव बना सकती है. जाहिर है बीजेपी समझ चुकी है कि ऐसा नहीं किया गया तो तेजस्वी को विधानसभा चुनाव में रोक पाना आसान नहीं होगा. जाहिर है इस मुद्दे पर भी नीतीश कुमार तैयार हो जाएंगे इसकी संभावना कम ही दिखाई पड़ती है. इसलिए कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद नीतीश का रवैया बिहार में एक बार फिर से लोगों को हैरान कर सकता है.
वैसे कांग्रेस के दिग्गज नेता जयराम रमेश ने ये कहकर सस्पेंस बढ़ा दिया है कि एनडीए के कुछ घटक दल उनके संपर्क में हैं. इसलिए भी नीतीश को लेकर कई तरह की बातें फिलहाल फिजा में तैर रही हैं.