चार में से हर तीसरे व्यक्ति में विटामिन डी की कमी, क्यों अब ज्यादा लोग कराने लगे हैं इसका टेस्ट?
पिछले साल टाटा ग्रुप का एक सर्वे सामने आया था. इसमें बताया गया था कि भारत में हर चार में से 3 लोगों में विटामिन डी कमी है. सर्वे में कहा गया था कि युवाओं में कमी ज्यादा हो रही है. खानपान की खराब आदतें, बिगड़ा लाइफस्टाइल और धूप का कम सेवन विटामिन डी के कम होने के प्रमुख कारण बताए गए थे. इससे कई तरह ही बीमारियों का खतरा भी बताया गया था. बीते कुछ सालों से यह भी देखा जा रहा है कि अब विटामिन डी की जांच भी ज्यादा लोग करा रहे हैं, लेकिन ऐसा क्यों हो रहा है. इस बारे में जानने के लिए हमने अस्पतालों में पैथोलॉजी विभाग और लैब संचालकों से बातचीत की है.
दिल्ली के लेडी हार्डिंग हॉस्पिटल में पैथोलॉजी विभाग के डॉ शरद कुमार बताते हैं कि अब पहले की तुलना में अधिक लोग विटामिन डी का टेस्ट करा रहे हैं. पहले शुगर और कोलेस्ट्रॉल का टेस्ट कराने वालों की संख्या ज्यादा थी. अब विटामिन के टेस्ट कराने वालों का भी आंकड़ा बढ़ रहा है. इसका एक बड़ा कारण है कि अब पहले की तुलना में अब ज्यादा लोगों में इस विटामिन की कमी हो रही है. जब मरीज विटामिन की कमी के लक्षणों के साथ डॉक्टरों के पास आते हैं तो डॉक्टर टेस्ट लिख देते हैं. ज्यादा मामले आने के कारण टेस्ट भी अधिक हो रहे हैं. बीते कुछ सालों में टेस्ट का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है.
50 फीसदी तक बढ़ी टेस्ट कराने वालों की संख्या
देश कि एक बड़ी पैथ लैब के डायरेक्टर डॉ समीर भाटी बताते हैं कि बीते तीन से चार सालों में विटामिन डी का टेस्ट कराने वालों की संख्या करीब 50 फीसदी तक बढ़ गई है. इसका कारण यह है कि लोग अब पहले की तुलना में काफी जागरूक हो गए हैं. खासतौर पर कोविड महामारी के बाद से लोग हेल्थ पर ज्यादा ध्यान देने लगे हैं. अगर किसी व्यक्ति को लगता है कि उसके शरीर में विटामिन डी की कमी के लक्षण हैं तो वह लैब आकर खुद ही टेस्ट करा लेता है. अब करीब 30 फीसदी लोग ऐसे हैं जो खुद से ही टेस्ट कराने आते हैं.
डॉ समीर बताते हैं कि किसी भी तरह की जांच या बीमारी में डॉक्टर भी विटामिन डी का टेस्ट जरूर लिखते हैं. यह सब कारण है कि अब इस विटामिन का टेस्ट कराने वालों की संख्या काफी बढ़ गई है. इस विटामिन की कमी के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं. कई सर्वे में यह सामने आ चुका है कि देश में हर 4 में से 3 लोगों में डी विटामिन कम है. इसके कई कारण हैं.
क्यों होती है विटामिन डी की कमी
डॉ समीर बताते हैं कि विटामिन डी की कमी का सबसे बड़ा कारण है कि लोग धूप का सेवन नहीं करते हैं. शहरी इलाकों में तो लोग सुबह ऑफिस चले जाते हैं और शाम में वापिस आते हैं. इस दौरान धूप शरीर को नहीं मिल पाती है. विटामिन डी की कमी का दूसरा बड़ा कारण है कि खानपान खराब हो गया है. फास्ट फूड का चलन बढ़ गया है. ऐसे फूड्स किसी भी तरह के विटामिन का सोर्स नहीं होते हैं. ऐसे में लोगों को सलाह है कि वह अपने खानपान का ध्यान रखें. डाइट में ऐसे फूड्स को शामिल करें जिनमें विटामिन डी होता है. इसके लिए दूध, अनाज दलिया जैसी चीजों को खाएं.
विटामिन-डी की कमी के लक्षण
शरीर में अगर विटामिन डी की कमी हो जाती है तो थकावट बनी रहती है, पैरों में सूजन आ जाती है और मांसपेशियों में कमजोरी रहती है. कुछ मामलों में मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने का भी रिस्क रहता है.