चीन ने पैंगोंग त्सो झील पर बनाया पुल… सैटेलाइट तस्वीरों से हुआ ‘ड्रैगन’ की साजिश का खुलासा
विस्तारवादी नीति के लिए चालबाजी करने वाले चीन की एक और साजिश सामने आई है. उसने पैंगोंग त्सो झील पर अपने कब्जे वाले क्षेत्र में पुल बना लिया है. सैटेलाइट तस्वीरों से इसका खुलासा हुआ है. इन तस्वीरों से पता चलता है कि इसी महीने पुल का निर्माण पूरा हुआ है.
भारत भी चीन का मुकाबला करने के लिए अपना सैन्य ढांचा मजबूत कर रहा है. भारत अपनी तरफ फिंगर-4 की ओर एक सड़क बना रहा है. यह सड़क भारतीय सेना को सासेर ला होते हुए दारबुक-स्क्योक-दौलत बेग ओल्डी रोड से जोड़ेगी.
भारत भी सीमा क्षेत्र में खुद को मजबूत कर रहा है
चीन की चालबाजी को देखते हुए भारत भी सीमा क्षेत्र में अपने आप को और मजबूत कर रहा है.2020 के बाद से भारत-चीन के रिश्ते में तनाव बढ़ा है. गलवान की हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे. चीन के 38 से ज्यादा सैनिकों की मौत हुई थी.
एक साल तक काफी तनावपूर्ण रहा था माहौल
इसके बाद एलएसी पर सैन्य बल को बढ़ाया गया था. लगभग एक साल तक माहौल काफी तनावपूर्ण रहा था. 2020 के बाद से भारत ने 3500 किमी लंबी एलएसी पर बुनियादी तौर पर खुद को काफी मजबूत किया है. इसके लिए एलएसी पर भारत हेलीपैड, पुल, आवास निर्माण समेत अन्य बुनियादी सुविधाओं को तैयार कर रहा है.
गलवान हिंसा के बाद भारत ने चीन के साथ अपने संबंधों को बिल्कुल स्पष्ट कर दिया है. भारत ने कई मौकों पर कहा है कि हम सीमा पर शांति चाहते हैं. जब तक ऐसा नहीं होता, चीन से संबंध सामान्य नहीं हो सकते. साल 2020 में 15 जून से पहले एक मई को दोनों देशों के जवानों के बीच पैंगोंग त्सो झील के पास झड़प हुई थी. इसमें दोनों देशों के कई जवान घायल हुए थे. इसके बाद दोनों तरफ तनाव बढ़ गया था. 15 जून को गलवान घाटी में इस तनाव ने हिंसक रूप ले लिया था.