चीन में बढ़ती बेरोजगारी के बीच जिनपिंग क्यों सुंदर युवाओं पर रख रहे नजर?
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सरकार युवाओं के बीच बढ़ते बेरोजगारी और असंतोष को लेकर चिंतित है. हाल ही में चीनी सरकार ने शहर में रहने वाले युवाओं के बीच बेरोजगारी दर 21.3% तक पहुंचने का ऐलान किया. ये खुद में एक रिकॉर्ड है. चीनी कम्युनिस्ट पार्टी जानती है कि बड़े शहरों में पढ़े-लिखे और बेरोजगार युवा अधिकारों को चुनौती देने का दम रखते हैं. जैसा कि खुद पार्टी की उत्पत्ति हुई थी.
चीनी सरकार ने युवाओं के बीच बढ़ते असंतोष को काबू करने के लिए कड़े कदम उठाए हैं. उन्होंने सुंदर युवाओं पर नजर रखनी शुरू कर दी है, जो सरकार के लिए एक संभावित खतरा हो सकते हैं. सरकार का मानना है कि सुंदर लड़के समाज में प्रभाव डाल सकते हैं और युवाओं के बीच असंतोष को भड़का सकते हैं.
कम्युनिस्ट पार्टी के लिए नई चुनौती
चीन में निराश युवाओं की जरूरतों को पूरा करने के बजाय, बढ़ती आर्थिक स्थिति के जवाब में नेतृत्व ने कठोर कदम उठाने का फैसला किया है. चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के लिए शहरी बेरोजगारी एक नई चुनौती नहीं है. अपने 70 साल के इतिहास में, ये मुद्दा कई बार उठा है. केवल राजनीतिक दमन या अनुकूल आर्थिक बदलाव के जरिए इन्हें दबाया जाता रहा है.
चीनी युवाओं से क्या बोले जिनपिंग ?
शी जिनपिंग ने युवाओं से कहा है कि वो थोड़ा दुख और दर्द सहने की क्षमता रखें, जो 2024 में भी जारी रहेगा. लेकिन चीनी युवा ऐसा करने पर अड़े हुए हैं. शी की इन बातों ने देशभक्ति की भावना से कहीं ज्यादा ऑनलाइन मजाक पैदा किया है. लोग “लेटिंग फ्लैट” और “लेट इट रॉट” जैसी बातें करते हैं, जो चूहे की दौड़ की थकान और छोड़ने की इच्छा को दिखाता है.
हालांकि, युवाओं की बढ़ती बेरोजगारी और असंतोष को दबाने के लिए सरकार के कदम लोकतंत्र और मानवाधिकारों पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं. सरकार को युवाओं की जरूरतों को पूरा करने और नए रोजगार के अवसर पैदा करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, न कि उन पर नजर रखने पर.