चुनाव नतीजों के बाद कैसा है RBI का मूड, कल होगा आपकी EMI पर फैसला
लोकसभा चुनाव तो निपट गए अब अगर आपके नाम पर कोई लोन चल रहा है तो ये खबर आपके काम की साबित हो सकती है. जी हां, आपकी लोन EMI बढ़ेगी या उसमे आपको राहत मिलेगी इसका फैसला कल यानी 7 जून को आने है. दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी की तीन दिन की बैठक 5 तारीख से शुरू हो चुकी है जिसका फैसला शुक्रवार को आएगा. 7 जून को RBI गवर्नर गवर्नर शक्तिकांत दास रेपो रेट पर फैसले की जानकारी देंगे. मौजूदा रेपो रेट 6.50% है. वहीं, पिछली 7 बार से रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
नए वित्त-वर्ष की दूसरी बैठक
नए फाइनेंशियल ईयर की यह दूसरी MPC मीटिंग है. मजबूत आर्थिक विकास और अनिश्चित इन्फलेशन आउटलुक के बीच शुक्रवार को होने वाले पॉलिसी रिव्यू में आरबीआई द्वारा अपना सख्त मॉनेटरी रुख बरकरार रखने की उम्मीद है. इस समय देश में चुनावी रिजल्ट आ चुके हैं. देश में बीजेपी के नेतृत्व में गठबंधन वाली सरकार बनने वाली है. ऐसे में बड़ा सवाल है कि क्या गठबंधन सरकार बनने से पहले घर के होम लोन की EMI कम होगी या नहीं.
क्या है जानकारों की राय?
इकोनॉमिस्ट प्रणब सेन के मुताबिक, चुनाव परिणामों को देखते हुए, भले ही सरकार में वही लोग हों, क्या वे उसी रुख पर कायम रहेंगे, यह अगले कुछ दिनों में तय हो जाएगा. इसलिए अनिश्चितता का स्तर बहुत बढ़ गया है. आरबीआई को इसे ध्यान में रखना होगा. वहीं एसबीआई के सौम्य कांति घोष के अनुसार, सरकार 5% से थोड़ा कम, संभवतः 4.9% से 5% के डेफिसिट के साथ काम कर सकती है. इंफ्लेशन अपने ग्लाइड पथ पर है और जल्दी 4% तक नहीं जाएगी. लेकिन यह वर्ष के अधिकांश समय में 4.5% के आसपास रहेगी. मौजूदा स्थिति, मौजूदा इंफ्लेशन की गति और मौजूदा ग्रोथ पाथ को देखते हुए आरबीआई ने 4.5% औसत इंफ्लेशन का पूर्वानुमान लगाया है, बाजार भी उस पूर्वानुमान के अनुरूप है.
अभी कितना है रेपो रेट?
मई महीने में हुए एक सर्वे में 72 में से 71 अर्थशास्त्रियों ने उम्मीद जताई थी कि MPC 5 से 7 जून तक अपनी बैठक के दौरान रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करेगी, इसे 6.50% पर बनाए रखेगी. इसके अतिरिक्त, इनमें से अधिकांश अर्थशास्त्रियों का मानना है कि 6.50% की रेट वर्तमान अवधि में रेपो रेट का उच्चतम बिंदु है. फरवरी, 2023 से रेपो रेट 6.5 प्रतिशत के उच्चस्तर पर बनी हुई है. अर्थव्यवस्था में तेजी के बीच माना जा रहा है कि एमपीसी ब्याज दरों में कटौती से बचेगी. केंद्रीय बैंक ने आखिरी बार फरवरी, 2023 में रेपो दर को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत किया था और तब से उसने लगातार सात बार इसे यथावत रखा है. एमपीसी में तीन बाहरी सदस्य और आरबीआई के तीन अधिकारी शामिल हैं. दर निर्धारण समिति के बाहरी सदस्य शशांक भिडे, आशिमा गोयल और जयंत आर वर्मा हैं.
महंगाई के नियंत्रण में रहने की उम्मीद
अक्टूबर से वित्त वर्ष 2024-25 के अंत तक मुद्रास्फीति पांच प्रतिशत से नीचे रहने की उम्मीद है. आरबीआई से उम्मीदों के बारे में हाउसिंग डॉट कॉम और प्रॉपटाइगर डॉट कॉम के समूह मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ध्रुव अग्रवाल ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था ने अपना मजबूत प्रदर्शन जारी रखा है और 2023-24 में 8.2 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि दर हासिल की है, जो 2022-23 में सात प्रतिशत थी.