चुनाव में मिली हार तो ‘खूंखार तानाशाह’ बन गया इस देश का राष्ट्रपति, ऑपरेशन ‘टुन-टुन’ से विरोधियों का दमन

वेनेजुएला में सरकार और विपक्ष के बीच टकराव बढ़ता ही जा रहा है. विपक्षी नेता आरोप लगा रहे हैं कि निकोलस मादुरो चुनाव में हार के बावजूद राष्ट्रपति पद पर बने हुए हैं. विपक्ष समेत कई देश मादुरो की हार का दावा कर रहे हैं और अपने खिलाफ बढ़ते विरोध को देखते हुए राष्ट्रपति मादुरो अब विपक्ष को दबाने की कोशिश में जुट गए हैं.
राजधानी काराकस में राष्ट्रपति भवन की बाल्कनी से मादुरो ने अपने समर्थकों के सामने विपक्ष के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का ऐलान किया है. मादुरो ने विपक्षी नेताओं को फासीवादी बताते हुए कहा है कि लोग सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों की जानकारी दें वो उन्हें पकड़ेंगे. मादुरो ने कहा है कि विपक्षी नेता गोंजालेज उरुतिया और मारिया कोरिना मचाडो को सलाखों के पीछे होना चाहिए.
हार से बौखलाए निकोलस मादुरो!
दरअसल अमेरिका और अर्जेंटीना समेत कई देशों ने वेनेजुएला के राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी नेता गोंजालेज उरुतिया की जीत को मान्यता दी है. विपक्षी नेताओं ने टैली शीट के आधार पर नए चुनाव नतीजे जारी किए हैं जिसमें दावा किया गया है कि मादुरो को महज 30 फीसदी वोट मिले हैं जबकि विपक्ष के नेता एडमुंडो गोंजालेज उरुतिया को 67 फीसदी वोट मिले हैं. विपक्ष लगातार मादुरो के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहा है और जनता से मादुरो की अवैध सत्ता को हटाने की अपील कर रहा है.
विपक्ष के खिलाफ ऑपरेशन ‘टुन-टुन’
राष्ट्रपति मादुरो को शायद एहसास हो चुका है कि अगर समय रहते इन विरोध प्रदर्शनों को नहीं रोका गया को जनता वाकई उनके शासन को उखाड़ फेंकेगी. लिहाजा वो विपक्षी नेताओं के दमन की कोशिश में जुट गए हैं. मादुरो सरकार ने वेनेजुएला में विपक्ष को कुचलने के लिए ‘ऑपरेशन टुन-टुन’ शुरू कर दिया है. टुन-टुन शब्द का मतलब है अधिकारियों द्वारा दरवाजा खटखटाना. इस ऑपरेशन के जरिए पुलिस और सैन्य अधिकारी आसानी से लोगों को उनके घरों से गिरफ्तार कर सकते हैं.
विपक्ष के दमन के लिए गिरफ्तारी
मादुरो ने बताया है कि सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के कारण अब तक 2200 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं मादुरो की सरकार ने एक मोबाइल ऐप और सैन्य फोन लाइन भी स्थापित की है जिससे लोग प्रदर्शनकारियों के बारे में शिकायत दर्ज करा सकें. हालांकि गूगल और एपल स्टोर ने इस एप्लिकेशन को ब्लॉक कर दिया है. फिर भी सरकार का दावा है कि इसके जरिए 5000 से ज्यादा शिकायतें उन्हें मिली हैं. वहीं DGCIM ने सैन्य फोन लाइन जारी की हुई है जिसके जरिए मादुरो समर्थक विरोध करने वालों के खिलाफ रिपोर्ट कर रहे हैं.
आज विपक्ष ने बुलाई बड़ी रैली
वहीं राजनीतिक गिरफ्तारियों के खिलाफ विपक्ष ने आज शाम 5 बजे ((भारतीय समयानुसार शुक्रवार रात ढाई बजे)) बड़ी रैली बुलाई है. इस रैली में विपक्ष ने आम जनता से अपील की है कि उनके परिवार के जिन सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है उनकी तस्वीर, इससे जुड़े पोस्टर और बैनर लेकर रैली स्थल पर पहुंचे और मादुरो सरकार से इन लोगों की रिहाई की मांग करें.

#UnaLuzPorLaLibertad
Este jueves #8Ago nos concentramos en familia para hacer una vigilia por la libertad de los presos políticos en #Venezuela.
5:00 pm
Plaza Los Palos Grandes
Lleva tu pancarta, cartel o foto de tu familiar preso político por el que exiges su pic.twitter.com/raavO9Ybiq
— Comando ConVzla (@ConVzlaComando) August 7, 2024

विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म X पर लगातार विरोध प्रदर्शन की तस्वीरें और वीडियो पोस्ट कर रहीं हैं. मचाडो ने चुनावी नतीजों को लेकर एक वीडियो जारी करते हुए लिखा है कि, “सच्चाई साफ है एडमंडो गोंजालेज जीते, वेनेजुएला जीता.” उन्होंने CNE पर चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए लिखा है कि, “अब समय आ गया है कि हम दमन को रोकें और वेनेजुएला के लोगों की इच्छा को स्वीकार करें.”

La verdad está a la vista: Edmundo González ganó. Ganó Venezuela. Tenemos las actas. El CNE también. En este video queda muy claro lo que pasó.
Es hora de actuar en consecuencia. Paren ya la represión. Acepten la voluntad del pueblo venezolano. Asuman la necesidad de una pic.twitter.com/ACZnUYKDNI
— María Corina Machado (@MariaCorinaYA) August 7, 2024

बता दें कि वेनेजुएला में सभी पोलस्टर्स ने विपक्ष की बड़ी जीत का दावा किया था, लेकिन राष्ट्रीय चुनाव एजेंसी CNE द्वारा जारी किए गए नतीजों ने इस भविष्यवाणी को झुठला दिया. 28 जुलाई को नतीजों के बाद पिछले हफ़्ते वेनेजुएला में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हुए. मानवाधिकार समूहों का कहना है कि इसमें 24 लोग मारे गए, वहीं मादुरो सरकार ने भी 2 सैनिकों के मारे जाने की बात कही है. वहीं वेनेजुएला में विपक्ष इन नतीजों को स्वीकार करने के मूड में नहीं है वो राष्ट्रपति मादुरो के खिलाफ आंदोलन खड़ा कर रहा है जिसके डर से सरकार अब तानाशाही रवैया अपना रही है.

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