चुनाव में सबसे खराब प्रदर्शन के बाद एक्शन में मायावती, बदला BSP का पुराना सिस्टम

इस बार के लोकसभा चुनाव में बीएसपी जीरो पर रही. उसका खाता तक नहीं खुला. पार्टी का वोट शेयर दशकों बाद सिंगल डिजिट में आ गया है. पार्टी का बेस वोट जाटव भी शिफ्ट होने लगा है. समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन के बावजूद पिछली बार उसका वोट ट्रांसफर नहीं हुआ था. लेकिन इस आम चुनाव के परिणाम के बाद मायावती के लिए खतरे की घंटी बज चुकी है. उनके कट्टर विरोधी अखिलेश यादव दलितों की पसंद बनने लगे हैं.
पहली बार इस चुनाव में जाटव वोटरों ने समाजवादी पार्टी को वोट किया है. अब तक यही कहा जाता था कि यादव और जाटव कभी साथ नहीं हो सकते हैं. लेकिन यूपी की राजनीति में इस चुनाव में ये चमत्कार भी हो गया. वैसे तो बीएसपी को 2014 के लोकसभा चुनाव में भी कोई सीट नहीं मिली थी, पर इस बार तो पार्टी की बैंड ही बज गई. अकेले चुनाव लड़ने का मायावती का फैसला पार्टी के गले की फांस बन गया है.
ये भी पढ़ें – पेपर लीक पर कानून, भर्ती में तेजी दिल्ली से लौटते ही एक्शन मोड में CM योगी आदित्यनाथ
आकाश आनंद पर फैसला गलत साबित
अपने भतीजे आकाश आनंद को चुनाव प्रचार से हटाने का फैसला भी मायावती के लिए गलत साबित हुआ. BSP के सभी बड़े नेता पार्टी छोड़ चुके हैं. कुछ BJP में गए और बाकी समाजवादी पार्टी में. बीएसपी का कैडर हताश और निराश है. दूसरी तरफ खतरा चंद्रशेखर रावण का है, जो इस बार सांसद भी बन गए हैं.
हार के बाद मायावती ने संगठन में बदलाव शुरू कर दिया है. बीएसपी चीफ मायावती ने पार्टी के संगठन का पुराना सिस्टम ही बदल दिया है. पहला, मंडल व्यवस्था खत्म कर दी गई है. अब पार्टी में मंडली व्यवस्था खत्म करके सेक्टर व्यवस्था लागू कर दी गई है. प्रदेश को कुल छह सेक्टरों में बांटा गया है. हर सेक्टर में दो से लेकर चार मंडल शामिल किए गए हैं. कई सेक्टरों के इंचार्जों की तैनाती भी कर दी गई है. कई के कार्यक्षेत्र में बदलाव किया गया है.
प्रदेश को 6 सेक्टरों में बांटा
अयोध्या, देवीपाटन, बस्ती और गोरखपुर मंडल का एक सेक्टर बनाया गया है. पार्टी चीफ ने प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल को इस सेक्टर का मुख्य इंचार्ज बनाया है. उनके साथ घनश्याम खरवार, सुधीर कुमार भरत, सुरेश कुमार गौतम को भी इंचार्ज बनाया है. इसी तरह अलीगढ़, आगरा, कानपुर और प्रयागराज सेक्टर में शमसुद्दीन राइन के साथ सूरज सिंह जाटव और परवेज कुरील को जिम्मेदारी दी गई है. मुनकाद अली को मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद और बरेली का मुख्य जोन इंचार्ज बनाया गया है.
हर सेक्टर में दो से चार मंडल
इसके अलावा मिर्जापुर, वाराणसी और आजमगढ़ को मिलाकर एक सेक्टर बनाया गया है. वहीं लखनऊ झांसी, चित्रकूट का अलग सेक्टर होगा. इसमें शमसुद्दीन राइन को मुख्य इंचार्ज बनाया गया है. मायावती ने मंडलवार पदाधिकारियों के साथ बैठकें शुरू कर दी हैं. जल्द ही कई और सेक्टरों के इंचार्जों की तैनाती की जाएगी. उसके बाद जिला स्तर तक के सभी पदाधिकारियों के साथ मायावती बैठक करेंगी.

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *