चेन्नई टेस्ट जीतते ही याद आ गए रवि शास्त्री, कप्तान रोहित शर्मा ने बात ही ऐसी कर दी

चेन्नई टेस्ट भी सिर्फ 4 दिन के अंदर ही अपने अंजाम तक पहुंच गया. नतीजा वही रहा, जो पिछले करीब एक दशक से भारतीय जमीन पर खेले गए लगभग हर टेस्ट का रहा है. टीम इंडिया की एक और आसान जीत. बांग्लादेशी टीम ने जरूर भारत को शुरुआत में परेशान किया लेकिन कप्तान रोहित शर्मा की टीम ने बेहद सफाई के साथ सफलता हासिल की. इस जीत के बाद कप्तान ने टीम इंडिया की सफलता का मंत्र भी बताया और ये वही मंत्र है, जिसे उनसे पहले विराट कोहली और रवि शास्त्री के दौर में अपनाया गया था. रोहित ने पूर्व कोच शास्त्री की भाषा में बात करते हुए कहा कि इस टीम का तरीका यही है कि गेंदबाजी को मजबूत रखा जाए, ताकि परिस्थितियों पर निर्भर रहने की जरूरत ही नहीं हो.
रविवार 22 सितंबर को चेन्नई में मैच के चौथे दिन के पहले सेशन में टीम इंडिया ने बांग्लादेश को दूसरी पारी में सिर्फ 234 रन पर ढेर कर दिया और 280 रन के बड़े अंतर से मैच जीत लिया. जाहिर तौर पर इतनी बड़ी जीत में अच्छी बैटिंग और बॉलिंग का बराबर योगदान होता है लेकिन टेस्ट क्रिकेट में ज्यादातर मौकों पर जीत तभी मिलती है, जब कोई टीम अपने विरोधी के पूरे 20 विकेट हासिल कर लेती है और इसके लिए अच्छी गेंदबाजी की जरूरत होती है. पिछले एक दशक में टेस्ट क्रिकेट में भारतीय टीम के दबदबे की यही सबसे बड़ी वजह रही है.
रोहित ने दिलाई रवि शास्त्री की याद
विराट कोहली ने अपनी कप्तानी में रवि शास्त्री के साथ मिलकर इसी फॉर्मूला को अपनाया था और अब रोहित शर्मा भी अपनी कप्तानी में इस मूलमंत्र के दम पर ही टीम को आगे ले जा रहे हैं. चेन्नई में मिली जीत के बाद रोहित ने इसे दोहराया और ऐसी बात कही, जिसने रवि शास्त्री की याद दिला दी. कुछ साल पहले ही शास्त्री ने एक मैच में टीम इंडिया की जीत के बाद कहा था- ‘पिच जाए भाड़ में…सिर्फ यही मानना है कि ऐसे गेंदबाज टीम में हों, जो पूरे 20 विकेट ले जाएं’. रविवार को चेन्नई में जीत के बाद रोहित ने भी कहा कि टीम की सफलता का यही मंत्र है कि मजूबत गेंदबाजी के इर्द-गिर्द ही टीम रहे, ताकि पूरे 20 विकेट लिए जा सकें, जिससे टीम परिस्थितियों पर निर्भर न रहे.
हर तरह की बॉलिंग का अच्छा इस्तेमाल
टीम इंडिया को इस साल के अंत में ऑस्ट्रेलिया जाना है, जहां उसने लगातार पिछले दो दौरों पर ऐतिहासिक सीरीज जीती. इसकी बड़ी वजह टीम की मजबूत गेंदबाजी ही थी. रोहित ने इसकी ओर ही इशारा किया और कहा कि उनकी टीम चाहे भारत में खेले या बाहर, परिस्थितियों से कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए, इसलिए ऐसी ही टीम तैयार करना चाहते हैं. उन्होंने हालिया वर्षों की सफलता का जिक्र करते हुए कहा कि टीम इंडिया ने स्पिन से लेकर तेज गेंदबाजी तक के अपने हर विकल्प को अच्छे से इस्तेमाल किया और उसके नतीजे भी मिले.

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *