चेन्नई टेस्ट में शतक नहीं, इसलिए नर्वस थे ऋषभ पंत, खुद को ये रिस्क लेने से रोका

भारत और बांग्लादेश के बीच चेन्नई में खेला गया पहला टेस्ट मैच सिर्फ 4 दिन के अंदर खत्म हो गया. उम्मीद के मुताबिक टीम इंडिया ने बड़ी आसानी से यहां जीत दर्ज कर ली. इस टेस्ट को आने वाले सालों में रविचंद्रन अश्विन के बेहतरीन प्रदर्शन के लिए याद रखा जाएगा, जिन्होंने अपने होम ग्राउंड पर पहली पारी में शतक और दूसरी पारी में 6 विकेट लेकर टीम की जीत पक्की की. लेकिन अश्विन के अलावा ये टेस्ट विकेटकीपर ऋषभ पंत के कारण भी याद रखा जाएगा, जिन्होंने इस मैच के साथ टेस्ट क्रिकेट में वापसी की और एक शानदार शतक लगाया. टेस्ट क्रिकेट में एक और बेहतरीन पारी खेलने वाले पंत ने मैच के बाद बताया भी कि वो नर्वस भी थे और साथ ही रिस्क नहीं लेना चाहते थे.
चेपॉक में खेले गए इस मुकाबले का हर किसी को बेसब्री से इंतजार था. एक तो टीम इंडिया 6 महीनों बाद टेस्ट क्रिकेट खेल रही थी. उससे भी अहम, सड़क हादसे के डेढ़ साल से भी ज्यादा वक्त के बाद ऋषभ पंत इस फॉर्मेट में वापसी कर रहे थे. दिसंबर 2022 में कार क्रैश में बुरी तरह घायल होने वाले पंत ने उस हादसे से पहले भी बांग्लादेश के खिलाफ ही टेस्ट मैच खेला था. फिर इस साल मार्च में आईपीएल से उनकी वापसी हुई थी और टीम इंडिया के टी20 वर्ल्ड कप जीत का हिस्सा भी रहे थे. फिर भी इंतजार तो टेस्ट क्रिकेट का ही था और यहां चेन्नई टेस्ट से उनकी वापसी हुई.
क्यों नर्वस थे ऋषभ पंत?
पंत ने इस मैच की दूसरी पारी में एक बेहतरीन शतक लगाया और टीम को मुश्किल हालात से बाहर निकालकर जीत की बुनियाद तैयार की. हर बार की तरह पंत ने आक्रामक बल्लेबाजी की लेकिन वो एक बार भी शतक के करीब पहुंचकर नर्वस नहीं हुए, बल्कि वो किसी और बात को लेकर थोड़े घबराए हुए थे. टीम इंडिया की जीत के बाद पंत ने बताया कि इस टेस्ट को लेकर वो काफी ज्यादा नर्वस थे, जो कि टीम इंडिया के लिए कोई भी मैच खेलते हुए होना स्वाभाविक है लेकिन पंत ने बताया कि करीब 2 साल बाद टेस्ट में वापसी करना इसकी बड़ी वजह थी. पंत ने टेस्ट क्रिकेट को अपने दिल के करीब बताया और इसलिए यहां वापसी में ऐसा एहसास होना भी कोई हैरानी की बात नहीं.
नहीं लेना चाहते थे ये रिस्क
अपने आक्रामक, विस्फोटक और ‘रिस्की’ क्रिकेट के लिए पहचान बना चुके पंत ने ये जरूर कहा कि वो इस बार किसी तरह का खतरा नहीं उठाना चाहते थे. अब ये रिस्क किस बात का है? असल में पंत दूसरी पारी में बल्लेबाजी की बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि जिस परिस्थिति में वो दूसरी पारी में बल्लेबाजी के लिए उतरे थे, वो टीम इंडिया के लिए अच्छी नहीं थी. उन्होंने कहा कि अगर उस दौरान एक विकेट और गिर जाता तो टीम मुसीबत में फंस जाती, इसलिए पंत ने उस वक्त ज्यादा रिस्क नहीं उठाने का फैसला किया और परिस्थिति के हिसाब से ही खेलना तय किया. उनका ये फैसला एकदम सही साबित हुआ, क्योंकि उन्होंने शुभमन गिल के साथ 167 रन की बेहतरीन साझेदारी की और खुद 109 रन बनाए.
इसलिए भावुक हुए
पंत ने साथ ही बताया कि ये शतक कई मायनों में उनके लिए खास था और इसलिए 100 रन का आंकड़ा पार करने के बाद वो भावुक भी थे. उन्होंने कहा कि टेस्ट क्रिकेट में वापसी उनके लिए बेहद खास थी, क्योंकि चोट के बाद वो हर फॉर्मेट में खेलना चाहते थे, इसलिए ये शतक उनके लिए भावुक था. साथ ही पंत ने चेन्नई में खेलने को लेकर अपने जज्बातों का इजहार भी किया और कहा कि उन्हें इस मैदान पर खेलना हमेशा से बेहद पसंद रहा है.

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