छत पर सोलर लगाने की स्पीड पर लगा ब्रेक, इस रिपोर्ट में हुआ वजह का खुलासा

पीएम मोदी ने ग्रीन एनर्जी के मिशन को नई दिशा देने के लिए पीएम सूर्य घर योजना की शुरुआत की थी. जिसे स्टार्टिंग में ठीक-ठाक रिस्पॉन्स मिल रहा था. अब मेरकॉम कैपिटल की एक रिपोर्ट जारी की गई है, जिसमें बड़ा खुलासा हुआ है. भारत में छत पर लगने वाले सोलर एनर्जी प्लांट (रूफटॉप सोलर) स्थापित करने की दर मार्च तिमाही में सालाना आधार पर 26 प्रतिशत घटकर 367 मेगावाट रह गई है. रिपोर्ट में यह कहा गया है कि छतों पर सौर प्लांट लगाने की लागत बढ़ने की वजह से इसकी स्थापना की दर में गिरावट आई है.
क्या कहती है रिपोर्ट?
रिसर्च कंपनी की बृहस्पतिवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, देश में पिछले साल पहली तिमाही के दौरान इस सेगमेंट में 485 मेगावाट की सौर ऊर्जा क्षमता स्थापित की गई थी. मेरकॉम की रिपोर्ट पहली तिमाही में भारत में छत पर सौर प्लांट का बाजार के अनुसार, मार्च तिमाही में भारत में 367 मेगावाट के सौर प्लांट स्थापित किए गए. इसमें अक्टूबर-दिसंबर, 2023 तिमाही के 406 मेगावाट की तुलना में लगभग 10 प्रतिशत की गिरावट आई है और पिछले साल की समान तिमाही के 485 मेगावाट की तुलना में यह 24 प्रतिशत कम है.
सरकारी योजना में आ रही ये समस्या
भारत में छत पर लगने वाली सौर क्षमता की स्थापना संयुक्त रूप से मार्च 2024 तक 10.8 गीगावाट थी. इसमें कहा गया है कि प्लांट में आई गिरावट का कारण मुख्य रूप से पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना कार्यक्रम के तहत अधिक आवेदन के कारण आवासीय ग्राहकों के सामने आवेदन प्रक्रिया में देरी था. घरेलू सामग्री जरूरतों (डीसीआर) का अनुपालन करने के लिए मॉड्यूल की कीमतों में वृद्धि ने सूर्य गुजरात कार्यक्रम के तहत क्षमता वृद्धि में और कमी ला दी है.
जमीनी स्तर पर दिख रहा है बदलाव
तिमाही आधार पर क्षमता वृद्धि में औद्योगिक क्षेत्र का योगदान सबसे अधिक रहा. यह कुल स्थापित क्षमता का लगभग 57 प्रतिशत था. कॉमर्शियल, आवासीय और सरकारी क्षेत्रों की हिस्सेदारी क्रमशः लगभग 28 प्रतिशत, 14 प्रतिशत और 1.1 प्रतिशत रही है. बता दें कि सरकार के पहल का जमीनी स्तर पर काफी असर देखने को मिल रहा है.

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