जंग खत्म करने के लिए यूक्रेन तैयार! बाइडेन के सामने जेलेंस्की पेश करेंगे जीत का प्लान
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने हाल ही में घोषणा की है कि वे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के सामने एक योजना पेश करेंगे. इस योजना का उद्देश्य रूस के साथ चल रहे युद्ध को समाप्त करना है. ये योजना सितंबर में न्यूयॉर्क में होने वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान पेश की जाएगी. माना जा रहा है कि ज़ेलेंस्की का ये प्लान रूस-यूक्रेन में जारी युद्ध को खत्म करने के लिए होगा. इसमें अमेरिका की अहम भूमिका शामिल होगी.
युद्ध खत्म करने के लिए वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कई चरणों की प्लानिंग की है. उन्होंने इसके लिए कई योजनाएं भी बनाई हैं. वैसे दोनों ही देशों के बीच युद्ध विराम पर कई स्तर की बातचीत तो हुई लेकिन अभी तक कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया है. ऐसे में ज़ेलेंस्की की इस पहल को निर्णायक माना जा सकता है.
ज़ेलेंस्की की कौन-कौन सी योजनाएं:
सैन्य कार्रवाई: इस योजना का पहला भाग हाल ही में रूस के कुर्स्क क्षेत्र में की गई सैन्य कार्रवाई है. ज़ेलेंस्की का मानना है कि ये कार्रवाई यूक्रेन की जीत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.
वैश्विक सुरक्षा में भूमिका: दूसरे हिस्से में, ज़ेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन की भूमिका वैश्विक सुरक्षा ढांचे में महत्वपूर्ण है. वे चाहते हैं कि अमेरिका और अन्य सहयोगी देशों के साथ मिलकर इस भूमिका को और मजबूत किया जाए.
राजनयिक दबाव: तीसरा हिस्से में, रूस पर राजनयिक दबाव डालने के लिए एक मजबूत पैकेज तैयार करने का है, जिससे उन्हें युद्ध समाप्त करने के लिए मजबूर किया जा सके.
आर्थिक पहल: अंतिम हिस्सा है आर्थिक पहल का है, जिसमें ज़ेलेंस्की ने कहा कि इस योजना का अंत संवाद के माध्यम से होगा, लेकिन इसके लिए कीव को मजबूत स्थिति में होना होगा.
युद्ध की स्थिति
रूस ने हाल के दिनों में यूक्रेन पर बड़े पैमाने पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए हैं, जिससे कई लोग मारे गए हैं और घायल हुए हैं. ज़ेलेंस्की ने इन हमलों के खिलाफ बदले की बात की है और सहयोगियों से एयर डिफेंस ऑपरेशन पर विचार करने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि अमेरिका की सहायता और समर्थन इस योजना की सफलता के लिए जरूरी है.
बाइडेन से मुलाकात
ज़ेलेंस्की ने ये भी कहा कि वे बाइडेन के अलावा अन्य अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों, जैसे कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप, को भी इस योजना के बारे में जानकारी देंगे. उनका मानना है कि यह योजना अमेरिका के सहयोग पर निर्भर करती है, और उन्हें उम्मीद है कि अमेरिका उनकी आवश्यकताओं को समझेगा और समर्थन करेगा.