जनता के लुट गए 1 लाख करोड़ से अधिक रुपए, क्या अब ED कर पायेगी वसूली?
बिजनेस की दुनिया से जुड़े घोटालों के बारे में अगर आपको थोड़ा-बहुत भी पता है तो आपने महादेव स्कैम के बारे में जरूर सुना होगा, जिसने भारत के अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स के अंधेरे पक्ष को उजागर किया था. इस संदिग्ध ऐप के बंद होने, कुछ गिरफ्तारियों और छत्तीसगढ़ से दुबई तक पैसे के लेन-देन का पता लगाने के साथ ही खेल समाप्त नहीं हुआ है. मामले से जुड़े लोगों ने एक अंग्रेजी वेबसाइट को बताया है कि दो दर्जन से अधिक ऑफशोर गेमिंग ऐप वर्तमान में बेटिंग और राउंड-ट्रिपिंग के चलते प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के दायरे में हैं.
जांच एजेंसी के सूत्रों को संदेह है कि भोले-भाले और अज्ञानी जुआरियों को हुआ नुकसान 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो सकता है, जिसमें पैसा क्रिप्टोकरेंसी, नकली सेवा आयात के लिए भुगतान और शेयर बाजार में निवेश के रूप में इधर-उधर किया गया है.
यहां है इनका ठिकाना
एक रिपोर्ट बताती है कि जैसे ही अधिकारियों द्वारा एक अवैध ऐप को बंद किया जाता है, उसी अभिनेता या उनके सहयोगियों द्वारा शुरू किया गया दूसरा ऐप सामने आ जाता है. एजेंसियों के लिए यह एक थकाऊ काम बन गया है. ये अवैध ऐप बिना पहचान वाले ऑपरेटरों द्वारा चलाए जाते हैं, जो टेली-कॉलर्स और सट्टेबाजों की एक सेना के साथ संयुक्त अरब अमीरात, श्रीलंका और कुछ दक्षिण एशियाई देशों में स्थित है.
निदेशालय भारत में इनके लिंक का पता लगाकर इन एप्लीकेशन को पकड़ने के लिए एक सेंट्रलाइज कोशिश कर रहा है. विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों में कई जांच चल रही हैं. भारत से जुड़े उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की योजना पर काम चल रहा है जो विदेशी लाभार्थियों को पैसे इधर-उधर करने में मदद कर रहे हैं. कई बैंकों और भारतीय रिजर्व बैंक की कंप्लायंस शाखाओं ने बैंकरों को ‘सर्विस आयात’ के लिए भुगतान करते समय सावधान रहने की चेतावनी दी है. विदेशी पार्टियों को धन हस्तांतरित करने का एक बहाना. हालांकि, कुछ छोटे क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों द्वारा दी जाने वाली ‘मुफ्त निकासी’ एक खामी है, जिसका फायदा कई ऐप ऑपरेटर सीमा पार पैसे भेजने के लिए उठा रहे हैं.
जब ईडी ने की कार्रवाई
ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में ईडी ने 49 करोड़ रुपए जब्त किए और वर्चुअस पेमेंट (Virtuous Payment) से जुड़े लोगों को गिरफ्तार किया था, जो एक ऐसी संस्था है जो कथित तौर पर ऑनलाइन सट्टेबाजी से आय को रूट करने में शामिल थी. वर्चुअस जैसी संस्थाएं ही ईडी की तलाश में हैं. ईडी को पता चला कि अवैध सट्टेबाजी ऐप FIEWIN से 400 करोड़ रुपए का पूल मनी क्रिप्टो में निवेश किया गया था, जिसे बाद में दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज Binance के साथ 8 चीनी नागरिकों के वॉलेट में स्थानांतरित कर दिया गया था, जिसके बाद 4 और लोगों को गिरफ्तार किया गया.