जब आलिया भट्ट को सता रहा था ये डर, महेश भट्ट ने इमरान हाशमी के सामने डर निकाल दिया

आलिया भट्ट को इंडस्ट्री में 12 साल हो गए हैं. उनकी 17वीं फिल्म ‘जिगरा’ 11 अक्टूबर को रिलीज हो रही है. वो अकेले दम पर थिएटर्स भर देती हैं. पर एक समय था, जब उन्हें इस बात का डर था कि कहीं वो फेल न हो जाएं. उन्हें बचपन से ही एक्ट्रेस बनना था, लेकिन उन्हें इस बात का भी डर था कि कहीं अच्छी एक्ट्रेस नहीं बन पाई, तो क्या होगा.
जब वो अपनी पहली फिल्म ‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर’ करने जा रही थी, घबराई हुई थी. इस डर को उनके पापा ने कैसे उनके अंदर से निकाला, इस पर उन्होंने खुद बात की है.
आलिया भट्ट को बचपन से बनना था एक्टर
आलिया ने लल्लनटॉप को दिए इंटरव्यू में बताया कि वो बचपन से ही एक्ट्रेस बनना चाहती थीं. वो गोविंदा और करिश्मा को डांस करते हुए देखती थीं. उन्हें इस बात का अचंभा होता था कि गाने में कैसे इनकी जगहें और कपड़े इतनी जल्दी बदल जा रहे हैं. हालांकि बड़े होकर उन्हें पता चला, ये एक प्रोफेशन है, जिसे एक्टिंग कहते हैं. उन्होंने भी एक्टर बनने की ठानी. फिर जब उनकी पहली फिल्म ‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर’ का नंबर आया, तो उन्हें घबराहट होने लगी. उन्हें असफलता का डर सता रहा था.
पापा ने डर निकालने के लिए ऑफिस बुला लिया
आलिया बताती हैं, “मेरी पहली फिल्म में मुझे डर लगने लगा. मुझे लगने लगा कि अगर मैं अच्छी हीरोइन नहीं हुई तो, अगर मैं असफल हो गई तो. उस वक्त मैं दोस्तों को बोलती थी कि मुझे असफलता से डर लगता है. इसके बाद मैंने पापा को कॉल किया और उन्होंने कहा कि ऑफिस आ जाओ और सब के सामने बोलो कि क्या फील कर रही हो.”
“मुझे डर लग रहा है”
इसके बाद आलिया विशेष फिल्म्स के ऑफिस पहुंची. वहां महेश भट्ट, इमरान हाशमी समेत कई लोग थे. आलिया ने उनके सामने अपना डर निकालते हुए कहा, ” मैं डरी हुई हूं. मुझे डर है कहीं, असफल हो गई तो क्या होगा. मेरे पास कोई प्लान बी नहीं है. इसके अलावा मुझे कुछ आता नहीं है.”
उस समय आलिया से किसी ने कुछ नहीं बोला, लेकिन उनकी घबराहट खत्म हो गई. इसका नतीजा आप सभी के सामने है. उनकी फिल्म ‘जिगरा’ 11 अक्टूबर को रिलीज हो रही है.

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