जब विराट कोहली की उंगली में होने लगा दर्द, रात भर सो भी नहीं पाए, फिर बदलनी पड़ी थी सालों पुरानी आदत
टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली इस वक्त अच्छी लय में नहीं हैं. बांग्लादेश के खिलाफ चेन्नई टेस्ट मैच की दोनों पारियों में वो नाकाम रहे. इस तरह 2024 का पूरा साल उनके लिए अच्छा साबित नहीं हुआ है. अगर 2022 के अंतिम महीनों और पूरे 2023 को छोड़ दें तो उनके लिए पिछले 3-4 साल ज्यादा अच्छे नहीं रहे हैं. हालांकि 2020 से पहले कोहली के बल्ले से लगातार रन निकल रहे थे और उनका प्रदर्शन पूरी दुनिया में सबसे अच्छा था. इसकी एक बड़ी वजह था उनका वो फैसला, जो 6 साल पहले एक मैच में उठे दर्द के कारण लेना पड़ा था, जिसने उन्हें अपनी बरसों पुरानी आदत को बदलना पड़ा था.
2018 में छोड़ना पड़ा नॉन-वेज फूड
2020 में खराब दौर शुरू होने से पहले 2019 और 2018 में विराट ने खूब रन बनाए थे. उनके बल्ले से शतकों की ऐसी बारिश हुई, जो उससे पहले कभी नहीं देखी गई थी. विराट के ऐसे प्रदर्शन में प्रैक्टिस सेशन में उनकी कड़ी मेहनत और प्रतिभा के कारण आई थी. इसके अलावा इसमें उनकी हैरतअंगेज फिटनेस का बड़ा योगदान था, जिसके चलते उन्हें कभी ऐसी चोट नहीं लगी कि मैच छोड़ने पड़ जाएं. इस फिटनेस पर कोहली ने 2013 के बाद काम करना शुरू किया था लेकिन इसमें भी उनकी वो आदत बरकरार थी, जो बचपन से चली आ रही थी. ये आदत थी- नॉन वेज फूड यानी मांसाहार का सेवन.
दिल्ली की पंजाबी फैमिली से आने वाले कोहली ने अपने कई इंटरव्यू में बताया कि कैसे बटर-चिकन उनका पसंदीदा खाना हुआ करता था, जबकि फिटनेस पर ध्यान देने के बाद वो इससे दूर हो गए लेकिन ग्रिल्ड फिश या दूसरे तरीकों से नॉन-वेज खा ही रहे थे लेकिन पिछले 6 साल से वो पूरी तरह शाकाहारी हैं और इसकी वजह ही वो दर्द है, जो 2018 में उन्हें महसूस हुआ था. कोहली ने 2020 में एक इंस्टाग्राम लाइव पर केविन पीटरसन से बातची में खुलासा किया था कि 2018 से पहले वो शाकाहारी नहीं थे लेकिन उस साल इंग्लैंड दौरे से पहले उन्होंने मीट का सेवन बंद कर दिया था.
शरीर में होने लगा था ये बदलाव
कोहली ने इसकी वजह बताते हुए कहा था कि इंग्लैंड जाने से पहले उसी साल साउथ अफ्रीका के दौरे पर एक टेस्ट मैच के बीच उन्हें अचानक रीढ़ में दर्द होने लगा था और ये उनकी सर्वाइकल डिस्क फैल गई थी, जिसके चलते उनकी एक नर्व (तंत्रिका) दबने लगी थी और इसका सीधा असर उनके दाएं हाथ की सबसे छोटी उंगली में तेज दर्द और झनझनाहट के रूप में होने लगा था. कोहली ने बताया कि उस मैच के दौरान वो दर्द के कारण सही से सो तक नहीं पाए थे. ऐसे में कोहली ने अपने मेडिकल टेस्ट कराए और यहां चौंकाने वाला खुलासा हुआ. कोहली को पता चला कि उनका शरीर बहुत ज्यादा मात्रा में यूरिक एसिड पैदा कर रहा है, जिसके कारण उनके शरीर में कैल्शियम की कमी हो रही थी और उनका पेट हड्डियों से कैल्शियम खींच रहा था.ट
इंग्लैंड में जमकर बरसाए रन
कोहली की हड्डियां इससे कमजोर हो रही थीं और उन्हें दर्द महसूस हो रहा था. पूर्व भारतीय कप्तान ने बताया कि यहीं पर उन्होंने मांसाहार त्यागने का फैसला लिया और इंग्लैंड दौरे से ठीक पहले उन्होंने मीट खाना पूरी तरह बंद कर दिया. कोहली ने इसे अपने जीवन का सबसे अच्छा फैसला बताते हुए कहा कि इसका असर उनके प्रदर्शन पर भी पड़ा था और वो लगातार हो रहे मुकाबलों के बीच ज्यादा जल्दी रिकवर कर पा रहे थे. 2018 के उस इंग्लैंड दौरे पर कोहली ने 10 पारियों में सबसे ज्यादा 692 रन बनाए थे, जबकि उससे 4 साल पहले वो इंग्लैंड में गेंद छू तक नहीं पाए थे. इसके बाद से ही कोहली पूरी तरह शाकाहारी हो गए और आज तक ऐसे ही हैं.