जब 22 साल पहले अंबानी परिवार पर टूटा था दुखों का पहाड़, दिलचस्प है धीरूभाई अंबानी के रिलायंस की ये कहानी
देश की सबसे अमीर फैमली पर आज ही के दिन 22 साल पहले दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था. 6 जुलाई 2002 को धीरूभाई अंबानी का निधन हो गया था. उस समय मुकेश अंबानी की मां कोकिलाबेन अंबानी ने कंपनी की बागडोर संभाली और दोनों भाइयों में बंटवारा किया था. देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के फाउंडर धीरूभाई अंबानी की आज पुण्यतिथि है. ऐसे में आइए एक नजर रिलायंस के बनने की कहानी पर डालते हैं कि कैसे धीरूभाई ने इतना बड़ा साम्राज्य स्थापित किया.
ये किस्सा है काफी दिलचस्प
साल 1958 में जिस कारोबार की नींव रखी, उस रिलायंस ने भारत में कारोबार करने के कई नियम कायदों को बदला. वैसे धीरूभाई की जिंदगी से जुड़ा एक अनोखा किस्सा है जब उन्होंने मामूली मिट्टी को बेचकर मुंहमांगी रकम हासिल की. शायद उनके कारोबार करने का यही हुनर रिलायंस को इतना बड़ा बनाने में मददगार रहा है.
धीरूभाई अंबानी ने भारत में अपना कारोबार शुरू करने से पहले यमन में कुछ दिन काम किया था. खाड़ी देश में बिताए वक्त के दौरान जहां उन्हें कारोबार करने के कई गुर पता चले, तो कई बिजनेस अपॉरच्युनिटी भी उन्हें मिली. उनका मिट्टी बेचकर पैसा कमाने का किस्सा भी खाड़ी देश से जुड़ा है.
दरअसल अरब देश के एक शेख को अपने बगीचे में गुलाब के फूल उगाने थे. इसके लिए उन्हें उपजाऊ मिट्टी की जरूरत थी. बस जैसे ही ये बात धीरूभाई अंबानी को पता चली, उन्होंने अपने कॉन्टैक्ट्स के माध्यम से भारत से ये मिट्टी अरब शेख तक पहुंचा दी. इसके बदले में अरब के शेख ने उन्हें मुंहमांगी कीमत दी. इसी घटना के कुछ वक्त धीरूभाई ने कपड़ों का कारोबार शुरू किया और अपना Vimal ब्रांड बनाया.
जब आया रिलायंस का आईपीओ
बता दें कि धीरूभाई अंबानी ने जब 1958 में कारोबार शुरू किया था, तब महज 500 रुपए के निवेश से ये काम शुरू किया था. उन्होंने मुंबई में किराये का एक ऑफिस लिया, जिसमें उस वक्त बस एक टेबल और 3 कुर्सियां होती थीं. तब वह मुख्य तौर पर मसालों की ट्रेडिंग किया करते थे और उनकी कंपनी का नाम रिलायंस कॉमर्स कॉरपोरेशन था.
इसके बाद साल 1966 में उन्होंने गुजरात के अहमदाबाद में एक टेक्सटाइल मिल शुरू की. इसी के साथ रिलायंस कॉमर्स कॉरपोरेशन रिलायंस टेक्स्टाइल बन गई. इस घटना के करीब एक दशक बाद 1977 में रिलायंस इंडस्ट्रीज को मौजूदा नाम मिला. तब तक धीरूभाई अंबानी पेट्रोकैमिकल के बिजनेस में उतर चुके थे. साल 1977 में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने देश का पहला आईपीओ लॉन्च किया. इस घटना ने देश में शेयर बाजार का विस्तार किया. इसी के साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज ने आज के मुकाम को हासिल करने का सफर शुरू किया.