जम्मू कश्मीर चुनाव: भाजपा की लिस्ट में मुसलमानों की भरमार, लाल चौक समेत अबतक इन सीटों से उतारे उम्मीदवार

जम्मू कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) 51 उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है. केंद्र शासित प्रदेश में 10 साल बाद हो रहे चुनाव में बीजेपी ने पूरा दम लगा दिया है. पार्टी मुस्लिम उम्मीदवारों के दम पर कश्मीर फतह की तैयारी कर रही है. बीजेपी की लिस्ट में मुस्लिम उम्मीदवारों की भरमार है. लाल चौक से लेकर चरार ए शरीफ तक पर पार्टी ने मुस्लिम चेहरों पर दांव लगाया है.
जम्मू कश्मीर में सत्ता हासिल करने के लिए बीजेपी को 90 में से 46 सीटों पर जीत दर्ज करनी होगी. बीजेपी का पूरा फोकस जम्मू क्षेत्र की 43 में से 35 से 37 सीटें जीतने पर है. 2014 के चुनाव में बीजेपी ने जम्मू क्षेत्र में सभी दलों का सफाया कर दिया था. उस चुनाव में बीजेपी पीडीपी के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी. इस बार बीजेपी जम्मू क्षेत्र की 43 सीटों पर फोकस कर रही है. जम्मू-कश्मीर में बीजेपी अपने दम पर चुनाव लड़ रही है. उसका मुकाबला पीडीपी के साथ साथ एनसी और कांग्रेस के गठबंधन के साथ है.
इन मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारा
बीजेपी ने पंपोर विधानसभा सीट पर इंजीनियर सैयद शौकत गयूर अंद्राबी को टिकट दिया है. वहीं, राजपोरा से अर्शीद भट्ट, शोपियां से जावेद अहमद कादरी, अनंतनाग पश्चिम से मोहम्मद रफीक वानी और अनंतनाग से अधिवक्ता सैयद वजाहत को टिकट दिया है. श्रीगुफवाड़ा बिजबेहरा से सोफी यूसुफ, इन्दरवल से तारिक कीन और बनिहाल से सलीम भट्ट को टिकट मिला है. पार्टी ने लाल चौक से इंजीनियर ऐजाजा हुसैन, ईदगाह से आरिफ रजा, खानसाहिब से अली मोहम्मद मीर, चरार-ए-शरीफ से ताहिद हुसैन को उतारा है.
पार्टी ने इसके अलावा गुलाबगढ़ से मोहम्मद अकरम चौधरी, बुधल से चौधरी जुल्फीकर अली, थन्नामंडी से मोहम्मद इकबाल मलिक, सुरनकोटे से सैयद मुश्ताक अहमद बुखारी, पुंछ हवेली से चौधरी अब्दुल गनी, मेंढर से मुर्तजा खान को प्रत्याशी बनाया है.
बीजेपी ने क्यों मुस्लिम उम्मीदवारों पर खेला दांव?
जम्मू कश्मीर में बीजेपी ने सोची समझी रणनीति के तहत मुस्लिम चेहरों पर दांव खेला है. कश्मीर रीजन में मुस्लिम वोटों के प्रभाव को देखते हुए बीजेपी ने मुस्लिम कैंडिडेट को तरजीह दी है. कश्मीर पंचायत चुनाव में भी बीजेपी ने मुस्लिम बहुल इलाकों में मुस्लिमों पर दांव खेला था. बीजेपी को परंपरागत रूप से जम्मू क्षेत्र की तुलना में कश्मीर रीजन में बहुत ज्यादा समर्थन हासिल नहीं है, लेकिन राजनीति के जानकार लोगों का कहना है कि हाल के सालों में बीजेपी का कैडर यहां बढ़ा है.
बीजेपी का राज्य में सियासी आधार जम्मू वाले क्षेत्र में ही रहा है, लेकिन कश्मीर के रीजन में हिंदू वोटों का प्रभाव बहुत नहीं है. मुस्लिम वोटर ही यहां पर निर्णायक भूमिका में हैं. धारा 370 के हटने के बाद हुए परिसीमन में जम्मू को छह अतिरिक्त सीटें हासिल हुईं, जबकि कश्मीर की सिर्फ एक ही सीट बढ़ी है. इस तरह जम्मू क्षेत्र की सीटें अब 37 से बढ़कर 43 हो गई है तो कश्मीर क्षेत्र की 46 सीटों से बढ़कर 47 रह गई हैं.

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