जम्मू कश्मीर में आतंक का नया रुट, साउथ पीर पंजाल बना नया अड्डा!
पिछले कुछ महीने में जम्मू-कश्मीर में आतंक का भूगोल पूरी तरह बदल चुका है. साल 2017 तक कुलगाम, शोपियां, अनंतनाग नॉर्थ पीर पंजाल का हिस्सा थे. वे आतंक का गढ़ माने जाते थे. लेकिन भारतीय फौज और सुरक्षा एजेंसियों के ऑपरेशन क्लीन के बाद साउथ पीर पंजाल यानी कठुआ, रियासी और डोडा जैसे इलाके आतंक का नया अड्डा बन चुका है. यही वजह है कि पिछले कुछ महीनों में इन इलाकों में आतंकी घटनाओं में इजाफा हुआ है.
दरअसल, नॉर्थ पीर पंजाल में नेटवर्क को तोड़ने के लिए 2017 के बाद एनआईए ने भी मजबूती के साथ आतंकियों और उन्हें पनाह देने वालों के खिलाफ मोर्चा खोला. एनआईए ने इस इलाके में काफी छापेमारी की थी, जिससे नॉर्थ पीर पंजाल में आतंक की कमर टूट गई. इतना ही नहीं साल 2019 के बाद फौज की पकड़ भी कश्मीर में बहुत मजबूत हो गई थी. जिसके बाद घाटी में आतंकियों का ऑपरेट करना बेहद मुश्किल हो गया था. यही वजह है कि अब वो पीर पंजाल के दक्षिण को आतंक के गढ़ में तब्दील करने में जुटे हैं. लेकिन सवाल ये है कि आखिर नार्थ पीर पंजाल से आतंकी साउथ पीर पंजाल में क्यों शिफ्ट हुए.
आतंकियों के छिपने के लिए सेफ पॉइंट
इस सवाल का जवाब जानने के लिये साउथ पीर पंजाल की भौगोलिक परिस्थितियों को समझना बेहद जरूरी है. दरअसल ये इलाका चिनाब नदी से सटा हुआ है, यहां चिनाब से निकलने वाले ढेरों नाले हैं. यह घना जंगल और प्राकृतिक गुफाओं से घिरा हुआ है. ऐसे में यहां कॉम्बिंग करना सुरक्षा बलों के लिए मुश्किल है. यही वजह है कि साउथ पीर पंजाल की भौगोलिक परिस्थिति इस इलाके को आतंकियों के छिपने के लिए सेफ पॉइंट माना जाता है.
इलाके में 20 से 25 आतंकी मौजूद
अभी भी इस इलाके में 20 से 25 आतंकियों के होने की खबर जिनको ट्रैक करने के लिए आसमान से भी निगरानी की जा रही है. खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक ये सभी आतंकी pok से हैं जो पंजाब बॉर्डर से घुसपैठ कर यहां पहुंचे हैं. सूत्रों की मानें तो पाकिस्तान ने जम्मू रीजन के पास यानी पूंछ, कठुआ, सांभा और राजौरी के पास नए आतंकी लॉन्च पेड एक्टिव किए हैं. उरी सेक्टर की तरफ से राजौरी और पुंछ में भी घुसपैठ कराई जा रही है.
ओवर ग्राउंड वर्कर कर रहे आतंकियों की मदद
इतना ही नहीं, सांभा और कठुआ में टनल के जरिये भी आतंकी भेजे जा रहे हैं. इस घने जंगल में ऑपरेट करने के लिए इन आतंकियों की मदद इनके ओवर ग्राउंड वर्कर कर रहे हैं. टारगेट से लेकर जंगल में छिपने के लिए गुप्त जगह तक इन्हीं OGW की तरफ से इन आतंकियों को बताई जा रही है.