जम्मू में बढ़ते आतंक के पीछे PAK-चीन की चाल, इस वजह से बच रहे आतंकी

कश्मीर घाटी के बजाय जम्मू में आतंकी हमले बढ़ गए हैं. हाल में हुए आतंकी हमलों में पाकिस्तान और चीन की जुगलबंदी साफ नजर आती है. आतंकियों के पास से जो हथियार मिले हैं वो सब मेड की चाइने के हैं. अब खुफिया एजेंसी के हवाले से जानकारी मिली है कि चीन पाकिस्तान की सीमा पर काफी मदद कर रहा है. चीन ने पाकिस्तान की सेना के लिए मजबूत बंकर और शेल्टर्स बनवाए हैं, जिन पर मोर्टार और होवित्जर गोलों की फायरिंग से भी नुकसान नहीं होगा.
हांगकांग से प्रकाशित होने वाले चीन के सरकारी अखबार विएन वीपो के अनुसार, अगले 11 सालों में यानी 2035 तक 3 युद्ध होने हैं. जिसमें से एक युद्ध चीन और पाकिस्तान मिलकर भारत से 2035 में करेंगे. ये टू फ्रंट वॉर होगी जिसके तहत चीन अरुणाचल प्रदेश सीमा पर जंग छेड़ेगा और पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में लड़ाई लड़ेगा.
जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियां बढ़ीं
इस साल के शुरुआत से ही जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियां बढ़ गई हैं और दूसरी ओर बार-बार भारत को उकसाने के लिए चीन अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताता है. यहां तक की चीन ने अरुणाचल प्रदेश के कई जगहों के नाम तक बदले हैं, जिनकी सूची उसने अभी हाल ही में कुछ दिन पहले जारी की थी.
चीन और पाकिस्तान जान-बूझकर सोची समझी रणनीति के तहत इन इलाकों में गतिविधियां बढ़ा रहे हैं. दरअसल, हांगकांग से प्रकाशित होने वाले चीन के सरकारी अखबार विएन वीपो के अनुसार “आगामी युद्ध” के लिए यह पृष्ठभूमि बनाई जा रही है, ताकि दोनों देश अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ये बता सकें कि ये इलाके बेहद अशांति और अस्थिरता भरे थे और इसलिए ये हमले करने पड़े.
जम्मू कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन में क्या मुश्किल आ रही है ?

जम्मू कश्मीर के राजौरी से लेकर पूंछ तक सड़कों के नवीनीकरण का काम चल रहा है. इसके चलते सेना को जवाबी कार्रवाई के लिए ऑपरेशन पॉइंट्स तक पहुंचने में भी समय लग रहा है. हालांकि BRO इन सड़कों को दुरुस्त करने में लगा है.
लगभग 25 आतंकियों का ग्रुप पूरे इलाके में घुसपैठ कर चुका है, जो आतंकी हमलों को अंजाम दे रहा है. ये पाकिस्तान समर्थित आतंकी हैं, जो नाम बदलकर ऑपरेट कर रहे हैं.
जम्मू का डोडा, पीर पंजाल, राजौरी बहुत बड़े इलाके है. यहां पहाड़ भी हैं, और घने जंगल भी हैं. इस क्षेत्र में कई प्राकृतिक गुफाएं हैं, जहां आसानी से छिपा जा सकता है. घने जंगल होने की वजह एरियल सर्वे भी बेहद मुश्किल है. ऐसे में आतंकियों के छिपने के लिए इसे मुफीद जगह कहा जा सकता है.
आतंकियों का कैरेक्टर बदल गया है. आतंकी अब नाम बदलकर भी हमले कर रहे हैं.
पहाड़ी इलाकों में ही आतंकियों का ज्यादा मूवमेंट है. यहां आतंकियों के अड्डे होने की खबरें हैं. जम्मू के तीन-चार जिलों के पहाड़ी इलाके में 25 से ज्यादा आतंकियों के छिपे होने की जानकारी है.

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *