जरूरत से ज्यादा पानी पीने पर शरीर में दिखने लगते हैं ये लक्षण
गर्मी के मौसम में हाइड्रेटेड रहना जरूरी होता है, इसके लिए हमें बार बार पानी पीने की सलाह दी जाती है. गर्मी के दिनों में कुछ भी समस्या होने पर या तबियत बिगड़ने पर हम से यही कहा जाता है कि हम सही से पानी नहीं पीते हैं. लेकिन जैसा कि आपने कई बार सुना होगा कि किसी भी चीज की अधिकता नुकसान ही पहुंचाती है ठीक उसी तरह अगर आप हद से ज्यादा पानी पी रहे हैं तो ये भी आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है. पानी पीने के यकीनन बहुत सारे फायदे हैं लेकिन अगर आप हद से ज्यादा पानी पीने लगते हैं तो ये फायदे की जगह आपको नुकसान पहुंचने लगता है.
पानी को अवशोषित करने की शरीर की अपनी एक क्षमता होती है. अगर बिना मात्रा का ध्यान रखे पानी पीने लगते हैं तो इससे शरीर में पानी जमा होना शुरू हो जाता है. साइंस की भाषा में इसे वॉटर इंटॉक्सिकेशन (water intoxication) कहा जाता है. शरीर में पानी की कमी हो या फिर अधिकता, हर मामले में शरीर कुछ न कुछ संकेत जरूर देता है,आइए जानते हैं इसके बारे में.
क्या होता है वॉटर इंटॉक्सिकेशन (water intoxication) ?
वॉटर इंटॉक्सिकेशन (water intoxication) की समस्या तब आती है जब हम बहुत ज्यादा पानी पी लेते हैं. ये ब्रेन फंक्शन में बाधा डालता हैं. अधिक मात्रा में पानी पीने से खून में पानी की मात्रा बढ़ जाती है. यह ब्लड में इलेक्ट्रोलाइट्स, खासकर सोडियम को पतला कर सकता है.
ज्यादा पानी पीने पर शरीर में दिखने लगते हैं ये संकेत
1.मतली या उल्टी महसूस होना
जिस तरह से शरीर में पानी की मात्रा कम हो जाने पर इसे डिहाईड्रेशन कहते हैं उसी तरह पानी की मात्रा ज्यादा हो जाने पर इसे ओवरहाइड्रेशन कहते हैं. जब आपके शरीर में बहुत ज्यादा पानी होता है, तो किडनी अतिरिक्त फ्लूइड को बाहर नहीं निकाल पाती है. यह शरीर में इकट्ठा होने लगती है, जिससे मतली, उल्टी और दस्त की समस्या हो जाती है.
2.सिर में लगातार दर्द रहना
सिर दर्द की समस्या आपको हाइड्रेशन और डिहाइड्रेशन दोनों ही हालत में हो सकता है. शरीर में पानी की मात्रा ज्यादा हो जाने पर नमक का स्तर कम हो जाता है जिस वजह से सेल्स सूझने लगते हैं. इस सूजन के कारण सेल्स बड़ी हो जाती हैं और मस्तिष्क में मौजूद सेल्स स्कैल्प पर दबाव डालती हैं. इसी दबाव के कारण आपको लगातार सिर दर्द महसूस हो सकता है.
3.थकावट ज्यादा महसूस होना
बहुत ज्यादा पानी पीने से किडनी को पानी बाहर निकालने में बहुत मेहनत करनी पड़ती है. इस वजह से कई बार हॉर्मोन भी असंतुलित हो जाते हैं जिसके कारण आपको ज्यादा थकावट महसूस हो सकती है.