जानते हुए भी हुई इजराइल से चूक… हमास के अटैक को लेकर कहां गलती कर गई सेना?

गाजा युद्ध शुरू हुए करीब 10 महीने से ज्यादा का समय बीत गया है. 7 अक्टूबर को हमास के हमले से शुरू हुए इस युद्ध के कोई परिणाम नहीं निकल पाए हैं. 7 अक्टूबर के इस हमले को इजराइली इंटेलिजेंस और सुरक्षा एजेंसियों की बड़ी चूक माना जा रहा है. अब इसको लेकर एक नया खुलासा हुआ है, जिसके मुताबिक IDF (Israel Defense Forces) के खुफिया प्रमुखों को हमास के हमलों की योजना के बारे में करीब एक साल पहले से पता था.
इजराइली चैनल 12 ने दावा किया है कि पहले से पता होने के बाद भी IDF खुफिया प्रमुखों ने इसकी जानकारी वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों और नेताओं को नहीं दी. IDF की यूनिट 8200 को 40 पन्नों का एक दस्तावेज मिला था, बताया जा रहा है कि ‘जेरिको वॉल्स’ नाम का दस्तावेज 2021 में अरबी भाषा में लिखा गया था और 2022 इसको ट्रांसलेट किया गया था.
इस दस्तावेज को IDF इंटेल चीफ अहरोन हलीवा, 8200 कमांडर योसी सारील, गाजा डिवीजन कमांडर एवी रोसेनफेल्ड और तत्कालीन IDF दक्षिणी कमांड चीफ एलीजर टोलेडानो ने देखा था. इस दस्तावेज में हमलों के प्लान के बारे में बताया गया था, लेकिन इन अधिकारियों ने इसको शीर्ष अधिकारियों और नेताओं से साझा नहीं किया.
कई जगह हुई चूक
ये पहली रिपोर्ट नहीं है, जिसने इजराइली सुरक्षा एजेंसियों की नाकामी और चूक का दावा किया हो. हमले से एक महीने पहले ही इजराइली वायु सेना प्रमुख ने गाजा में हो रही हल-चल के बारे में खुफिया जानकारी की कमी पर संदेह जताया था. उन्होंने गाजा की जमीनी स्थिति के बारे में जानने के लिए यूनिट 8200 के साथ बैठकें भी की, लेकिन इस दस्तावेज के बारे में उन्हें जानकारी नहीं दी गई.
एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि हमले से कुछ घंटे पहले एक खुफिया अधिकारी ने नोटिस किया कि दर्जनों हमास लड़ाकों ने अपने फोन में इजराइली सिम कार्ड चालू किया है, जो एक खतरनाक संकेत था. इस संकेत को भी अधिकारियों ने आसानी से नजरअंदाज कर दिया था.
40 हजार से ज्यादा मौतें
7 अक्टूबर को हमास के अचानक हमले ने गाजा बॉर्डर से सटे इजराइल को दहला दिया है. इस हमले में करीब 1200 लोग मारे गए और करीब 250 को हमास के लड़ाके बंधक बनाकर गाजा ले गए थे. ज्यादातर बंधकों को पिछले संघर्ष विराम में रिहा करा लिया गया है. इजराइल इसके जवाब में गाजा में पिछले 10 महीनों से हमले कर रहा है, जिनमें 40 हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. मरने वालों में अधिकतर बच्चे और महिलाएं हैं.

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