जिनपिंग ने अपने ही मंत्री के खिलाफ बैठाई जांच, भ्रष्टाचार के मामले में घिरने वाले तीसरे रक्षा मंत्री
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग सेना ने अपने ही रक्षा मंत्री के खिलाफ जांच बैठा दी है. दरअसल डिफेंस मिनिस्टर डोंग जुन पर पीपल्स लिबरेशन आर्मी में भ्रष्टाचार से जुड़े कई गंभीर आरोप लगे हैं, जिसकी जांच की जा रही है.
हैरानी की बात ये है कि डोंग जुन 11 महीने पहले ही चीन के रक्षा मंत्री बने थे और वह भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरने वाले चीन के तीसरे रक्षा मंत्री हैं. इससे पहले भी चीन के 2 रक्षा मंत्रियों को भ्रष्टाचार के आरोप में ही कुर्सी छोड़नी पड़ी थी.
भ्रष्टाचार की जांच, रक्षा मंत्री पर आंच!
ब्रिटिश अखबार द फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट में मामले की जानकारी रखने वाले पूर्व और वर्तमान अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि डोंग जुन, चीन की सेना में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे अभियान के तहत जांच के घेरे में आने वाले नए अधिकारी हैं. वहीं चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग से जब न्यूज ब्रीफिंग के दौरान FT की रिपोर्ट को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने इसे बेबुनियाद बता दिया.
चीन की सेना में पिछले साल से चलाए जा रहे एंटी करप्शन ड्राइव के तहत अब तक PLA के 9 जनरल और 4 रक्षा उद्योग के अधिकारियों को राष्ट्रीय विधायी निकाय से हटा दिया गया है.
डोंग जुन पर रक्षा मंत्री के तौर पर चीन की मिलिट्री डिप्लोमेसी का जिम्मा है, वह हाल ही में चीन और अमेरिका के बीच सैन्य संबंधों के मामले की देखरेख कर रहे थे. सितंबर में पहली बार दोनों देशों के बीच कमांडर स्तर की बैठक में उन्होंने संबंधों में सुधार की वकालत की थी.
भ्रष्टाचार के मामले में घिरने वाले तीसरे रक्षा मंत्री
चीन में डोंग से पहले भी दो रक्षामंत्रियों पर इसी तरह के आरोप लगे थे. डोंग जुन से पहले पूर्व रक्षा मंत्री ली शांगफू को भ्रष्टाचार के आरोप के चलते हटाया गया था. शांगफू इस पद पर महज 7 महीने ही रह पाए और भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद वह पिछले साल एक कार्यक्रम में भाषण देने के बाद से गायब हो गए. ली पर रिश्वत लेने समेत कई आरोपों लगाते हुए कम्युनिस्ट पार्टी से निकाल दिया गया.
ली शांगफू से पहले चीन के रक्षा मंत्री रहे वेई फेंगहे पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं. कम्युनिस्ट पार्टी ने ली की तरह वेई फेंगहे को भी पार्टी से निकाल दिया और भ्रष्टाचार के मामलों की जांच बैठा दी. वेई और ली को लेकर कम्युनिस्ट पार्टी ने अपने पुराने बयान में कहा था कि, ‘दोनों नेताओं ने पार्टी और सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के भरोसे को तोड़ा, राजनीतिक और सैन्य वातावरण को प्रदूषित किया और वरिष्ठ नेताओं की छवि को नुकसान पहुंचाया.’
दोनों पर रिश्वत के तौर पर भारी भरकम रकम और व्यक्तिगत लाभ हासिल करने का आरोप कम्युनिस्ट पार्टी ने लगाया था. एक्सपर्ट्स के मुताबकि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के लिए यह एक बड़ा झटका है.
‘कम्युनिस्ट पार्टी के लिए बड़ा झटका’
सिंगापुर के नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर डायलन लोग ने समाचार एजेंसी AFP को बताया है कि, ‘यह निश्चित तौर पर एक झटका है, क्योंकि कोई सोच सकता है कि वे इस भूमिका में किसी बहुत साफ-सुथरे व्यक्ति को रखने के लिए बहुत सावधान रहेंगे.’
उन्होंने कहा कि चीन में PLA और बिजनेस वर्ल्ड के संबंधों का लंबा इतिहास है, लिहाजा मिलिट्री अधिकारियों को टारगेट करते हुए इस तरह की जांच सामान्य है. रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन की सेना के रॉकेट फोर्स से दो अन्य उच्च रैंकिंग वाले अधिकारियों को भ्रष्टाचार के आरोपों में निकाला गया है.